उत्तराखंड के हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला आया सामने, छात्रावास से 10 छात्र निकाले गए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 5, 2023 06:02 PM2023-11-05T18:02:56+5:302023-11-05T18:04:12+5:30

कॉलेज प्रशासन ने बताया कि एमबीबीएस के दूसरे साल के छात्रावास में कनिष्ठ विद्यार्थियों के साथ रैगिंग का मामला प्रकाश में आने के बाद यह कार्रवाई की गयी है। आरोपी 10 वरिष्ठ छात्रों को छह माह के लिए छात्रावास से बाहर किया गया है।

case of ragging in Haldwani Medical College Uttarakhand 10 students were expelled from the hostel | उत्तराखंड के हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला आया सामने, छात्रावास से 10 छात्र निकाले गए

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsहल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आयाछात्रावास से 10 आरोपी छात्रों को निकाल दिया गया हैहल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में लगातार रैगिंग की घटनाएं सामने आती रही हैं

हल्द्वानी: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद  छात्रावास से 10 आरोपी छात्रों को निकाल दिया गया है।

कॉलेज प्रशासन ने बताया कि एमबीबीएस के दूसरे साल के छात्रावास में कनिष्ठ विद्यार्थियों के साथ रैगिंग का मामला प्रकाश में आने के बाद यह कार्रवाई की गयी है। आरोपी 10 वरिष्ठ छात्रों को छह माह के लिए छात्रावास से बाहर किया गया है और उन्हें एक सप्ताह के लिए कक्षा में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके साथ ही उन पर 25-25 हजार रु का जुर्माना भी लगाया गया है।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि गार्ड ने हंगामा होने की सूचना दी जिसके बाद घटना का पता चला। उन्होंने कहा कि सब स्थितियों को देखते हुए पहले अनुशासन समिति और बाद में ‘एंटी रैगिंग कमेटी’ की बैठक बुलाई गई। डॉ जोशी ने कहा कि वार्डन से छात्रों के आचरण की रिपोर्ट ली जा रही है और सभी परिस्थितियों पर गौर करने के बाद ही आरोपी छात्रों को परीक्षा का प्रवेश पत्र दिया जाएगा।

हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में लगातार रैगिंग की घटनाएं सामने आती रही हैं। इस साल मार्च में भी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक मामला सामने आया था जिस पर कार्रवाई करते हुए कॉलेज प्रशासन ने तीन आरोपी छात्रों को छह माह के लिए छात्रावास से निकालते हुए उन पर 25-25 हजार रु का जुर्माना लगाया था । दिसंबर 2022 में हुई रैगिंग की घटना में भी 42 वरिष्ठ छात्रों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। 

भारत में रैगिंग के खिलाफ कानून होने के बावजूद कॉलेजों में रैगिंग करना कम नहीं हो रहा है। कभी हंसी मजाक तो कभी बात-बात में ही रैंगिंग की जा रही है। भारत में रैगिंग के खिलाफ सख्त कानून है। ऐसे में अगर कोई भी स्टूडेंट रैगिंग करता है तो उसे जेल जाना पड़ सकता है और उसे जुर्माना भी देना पड़ता है। भारत में रैगिंग लॉ 'प्रिवेंशन ऑफ रैगिंग एक्ट 1997' और इसके अमेंडमेंट्स के अंतर्गत आता है. साल 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने विश्व जागृति मिशन के तहत इस कानून को डिफाइन किया था।
 

Web Title: case of ragging in Haldwani Medical College Uttarakhand 10 students were expelled from the hostel

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