मंत्रिमंडल ने न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे की खातिर योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया

By भाषा | Updated: July 14, 2021 18:28 IST2021-07-14T18:28:51+5:302021-07-14T18:28:51+5:30

Cabinet extends scheme for infrastructure for judiciary by five years | मंत्रिमंडल ने न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे की खातिर योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया

मंत्रिमंडल ने न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे की खातिर योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया

नयी दिल्ली, 14 जुलाई कई अदालतों के अब भी किराए के परिसरों में काम करने के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की खातिर केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना पांच साल बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह जानकारी एक बयान में दी गयी है।

न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना (सीएसएस) 1993-94 से चल रही है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार विस्तारित अवधि के दौरान यह एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी और इस दौरान 9,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिसमें 5,357 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा होगा। इसमें ग्राम न्यायालय योजना के लिए 50 करोड़ रुपये शामिल हैं।

बयान में कहा गया है कि कई अदालतें अब भी अपर्याप्त जगह के साथ किराए के परिसरों में काम कर रही हैं और कुछ बुनियादी सुविधाओं के बिना खराब स्थिति में हैं। सभी न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास की कमी भी उनके काम और प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

इसमें कहा गया है, "मौजूदा सरकार न्याय प्रशासन की सुविधा के लिए अधीनस्थ न्यायपालिका को बेहतर न्यायिक आधारभूत संरचना प्रदान करने की जरूरतों के प्रति संवेदनशील रही है... अदालतों में लंबित मामलों को कम करने के लिए पर्याप्त न्यायिक बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण है।"

इस फैसले से जिला और अधीनस्थ अदालतों के न्यायिक अधिकारियों के लिए 3,800 अदालत कक्ष और 4,000 आवासीय इकाइयों, 1,450 वकील कक्ष, 1,450 शौचालय परिसर और 3,800 डिजिटल कंप्यूटर कक्ष के निर्माण में मदद मिलेगी

राज्यों को पैसे तभी जारी किए जाएंगे जब अधिसूचित ग्राम न्यायालयों का संचालन शुरू हो जाएगा और न्यायाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी तथा न्याय विभाग के ग्राम न्यायालय पोर्टल पर इसकी जानकारी दी जाएगी।

इसमें कहा गया है कि हालांकि अधीनस्थ न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है, लेकिन केंद्र सरकार इस योजना के जरिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासों और अदालत भवनों के निर्माण के लिए राज्यों के संसाधनों में वृद्धि करती है।

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Web Title: Cabinet extends scheme for infrastructure for judiciary by five years

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