जामिया हिंसा: एक आंख की रोशनी गंवाने वाले छात्र ने कहा, अब संस्थान भी सुरक्षित नहीं

By भाषा | Updated: December 22, 2019 20:50 IST2019-12-22T20:49:28+5:302019-12-22T20:50:42+5:30

जामिया में एलएलएम के छात्र मिन्हाजुद्दीन अपनी पढ़ाई पूरी कर अपने गृहगनर बिहार वापस जाना चाहते हैं क्योंकि उनका कहना है कि वह अब विश्वविद्यालय के परिसर में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था में उनका विश्वास डगमगा गया है।

CAA Protest: Jamia student who lost an eye light said, now the institute is also not safe | जामिया हिंसा: एक आंख की रोशनी गंवाने वाले छात्र ने कहा, अब संस्थान भी सुरक्षित नहीं

पुलिस, आगजनी में शामिल 'बाहरी लोगों' को पकड़ने के लिये 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर में घुस गई थी।

Highlightsमैं पुराने पुस्तकालय में एमफिल और पीएचडी के छात्रों के लिये आरक्षित कक्ष में पढ़ाई कर रहा था।मिन्हाज ने याद करते हुए कहा, "मेरा क्या दोष है?

मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन कानून की प्रैक्टिस शुरू करने का सपना लेकर पिछले साल दिल्ली आए थे लेकिन 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया लाइब्रेरी में पुलिस की कथित कार्रवाई में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई।

जामिया में एलएलएम के छात्र मिन्हाजुद्दीन अपनी पढ़ाई पूरी कर अपने गृहगनर बिहार वापस जाना चाहते हैं क्योंकि उनका कहना है कि वह अब विश्वविद्यालय के परिसर में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था में उनका विश्वास डगमगा गया है।

मिन्हाज ने याद करते हुए कहा, "मेरा क्या दोष है? मैं पुराने पुस्तकालय में एमफिल और पीएचडी के छात्रों के लिये आरक्षित कक्ष में पढ़ाई कर रहा था। जब हमें पता चला कि पुलिस परिसर में घुस आई है तो हमने उसे अंदर से बंद कर लिया, लेकिन वे अंदर घुस आए और छात्रों पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया।"

पुलिस, आगजनी में शामिल 'बाहरी लोगों' को पकड़ने के लिये 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर में घुस गई थी, लेकिन उन्होंने छात्रों पर लाठीचार्ज की बात से इनकार कर दिया था। मिन्हाजुद्दीन ने कहा कि छात्रों ने पुलिस को बताया कि वे संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल नहीं थे, लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी।

उन्होंने दावा किया, "वे जानबूझकर लाइब्रेरी में घुसे। विरोध गेट नंबर 7 के बाहर हो रहा था जो सड़क के दूसरी तरफ है। मैंने विरोध में हिस्सा नहीं लिया था लेकिन मुझे बेरहमी से पीटा गया।" उन्होंने कहा कि उनकी एक उंगली की हड्डी भी टूट गई है। मिन्हाजुद्दीन ने कहा, "चिकित्सकों ने कहा कि मेरी दूसरी आंख में भी संक्रमण होने की संभावना है। लिहाजा, मैं अपने हाथों को साफ करने और अपने आस-पास की हर चीज को साफ रखने के लिए सैनिटाइजर का उपयोग कर रहा हूं।"

उन्होंने कहा कि मुझपर जो गुजरा उसके बाद मैं किसी को भी पुस्तकालय में पढ़ाई करने की सलाह नहीं दूंगा। छात्र ने कहा, "घटना के बाद में विश्वविद्यालय नहीं गया हूं, मैं भयभीत हूं। मैं बिना डर के पुस्तकालय में कभी प्रवेश नहीं कर पाउंगा। मैं अपने विश्वविद्यालय के परिसर में सुरक्षित महसूस नहीं करता।" मिन्हाज के माता-पिता जो बिहार से यहां आए हैं, चाहते हैं कि वह घर लौट चलें लेकिन मिन्हाज ने जाने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा, "मैं अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद अपने गृहनगर में कानून की प्रैक्टिस शुरू करूंगा। इससे पहले मैं दिल्ली में प्रैक्टिस करना चाहता था क्योंकि यहां उच्चतम न्यायालय और छह जिला अदालतें हैं, साथ ही यहां काफी मौके भी हैं। लेकिन इस घटना के बाद, मैं यहां काम नहीं करना चाहता।" मिन्हाजुद्दीन पिछले साल ही दिल्ली आए थे, लेकिन उन्हें अपने फैसले पर पछतावा हो रहा है। उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानता था कि दिल्ली इतना असुरक्षित शहर है। मैंने पढ़ाई के लिये यहां आकर बड़ी भूल की।" 

Web Title: CAA Protest: Jamia student who lost an eye light said, now the institute is also not safe

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