मध्य प्रदेश में उपचुनावः तुलसी राम सिलावट और गोविन्द राजपूत पर लटकी तलवार, देना होगा इस्तीफा, जानिए कारण

By शिवअनुराग पटैरया | Published: October 1, 2020 05:08 PM2020-10-01T17:08:50+5:302020-10-01T17:08:50+5:30

संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार वह 6 माह तक बिना विधायक बने मंत्री रह सकते हैं. इस तरह दोनों ही 20 अक्टूबर तक ही मंत्री के पद पर रह जाएंगे. राज्य विधानसभा के लिए हो रहे उपचुनाव में नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. ऐसे में सिलावट और राजपूत को 21 अक्तूबर के पूर्व मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा.

By-elections Madhya Pradesh Tulsi Ram Silvat and Govind Rajput resign reason | मध्य प्रदेश में उपचुनावः तुलसी राम सिलावट और गोविन्द राजपूत पर लटकी तलवार, देना होगा इस्तीफा, जानिए कारण

सिलावट और राजपूत को तीन अन्य लोगों के साथ, 21 अप्रैल को मंत्री बनाया गया था.

Highlightsशिवराज मंत्रिमंडल में बिना विधायक बने तुलसी राम सिलावट और गोविन्द राजपूत को बीते 21 अप्रैल को मंत्री बनाया गया था.सिंधिया के साथ जो 22 विधायक (इसमें 6 मंत्री भी थे) कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे, उनमें गोविन्द राजपूत और तुलसी सिलावट भी शरीक थे.

भोपालः विधानसभा के उपचुनाव की तिथियां घोषित होने के साथ ही, राज्य के दो मंत्रियों की कुर्सियों पर तलवार लटक गई है. शिवराज मंत्रिमंडल में बिना विधायक बने तुलसी राम सिलावट और गोविन्द राजपूत को बीते 21 अप्रैल को मंत्री बनाया गया था.

संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार वह 6 माह तक बिना विधायक बने मंत्री रह सकते हैं. इस तरह दोनों ही 20 अक्टूबर तक ही मंत्री के पद पर रह जाएंगे. राज्य विधानसभा के लिए हो रहे उपचुनाव में नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. ऐसे में सिलावट और राजपूत को 21 अक्तूबर के पूर्व मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा.

गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जो 22 विधायक (इसमें 6 मंत्री भी थे) कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे, उनमें गोविन्द राजपूत और तुलसी सिलावट भी शरीक थे. सिलावट और राजपूत को तीन अन्य लोगों के साथ, 21 अप्रैल को मंत्री बनाया गया था.

इसके बाद दो जुलाई 2020 को  हुए मंत्रिमंडल के विस्तार में 28 मंत्रियों को शामिल किया गया था. इनमें  कांग्रेस से आए 12  पूर्व विधायकों  (इनमें चार पूर्व मंत्री भी थे. ) को शपथ दिलाई गई थी. इस तरह शेष 12 मंत्रियों की कुर्सी पर 10 नवंबर को उप चुनाव के नतीजे आने तक कोई खतरा नहीं है. क्योंकि जब तक नतीजे आएंगे, तब तक उनके साथ छह माह में विधायक बनने की बाध्यता को पूरा करने का पर्याप्त समय है.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष का आरोप छल कपट सिखाने का स्कूल बन गये हैं शिवराज

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला करते हुए  कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले 15 सालों से सत्ता में रहते हुए अब शिवराज सिंह चौहान अपनी पार्टी को भ्रष्ट आचरण करने, संविधान के खिलाफ काम करने और छल-कपट करने को जायज ठहराने की शिक्षा भी देने लगे हैं.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने  कहा कि अनैतिक तरीकों से सत्ता में आकर, विधायकों की खरीद फरोख्त करके और देश के इतिहास का सबसे बड़ा प्रजातंत्र हत्याकांड करके शिवराज बेशर्मी से अपने पार्टी पदाधिकारियों और आम जनता को कह रहे हैं कि भाजपा सरकार बनी रहे इसके लिये एक जुट रहें।

उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने तो नैतिकता का दामन उसी समय छोड़ दिया था जब जनादेश वाली कमलनाथ सरकार को गिराने के लिये न सिर्फ विधायकों की खरीद फरोख्त की बल्कि पूरे देश को कोरोना वायरस के हवाले कर दिया.

सिंह ने कहा कि शिवराज अब लोगों को और अपनी पार्टी को झूठ, फरेब, धोखेबाजी, अनीति, भ्रष्टाचार की सीख देने वाले नेता बन गए हैं. अब देखना है कि खुले आम अनैतिकता और भ्रष्ट आचरण का साथ देने के लिये वे किस मुंह से उसी जनता के पास जाते हैं, जिसने शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार से तंग आकर उन्हें नकार दिया था.

किसान, युवा कर रहे आत्महत्या, नींद से कब जागेगी शिवराज सरकार

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने, मध्यप्रदेश की  शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में मुआवजे के अभाव में किसान और रोजगार के अभाव में युवा आत्महत्या कर रहा है, वहीं शिवराज सरकार नींद से नहीं जागी है. उन्होंने  पता नहीं सरकार कब इन घटनाओं पर रोक लगाएगी.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज  ट्वीट कर लिखा कि प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को बीच में रोक देने के कारण बड़ी संख्या में उच्च, माध्यमिक तथा माध्यमिक चयनित शिक्षक परेशान होकर दर-दर भटक रहे हैं. बेरोजगारी के कारण वे इस महामारी में आर्थिक व मानसिक परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूँ कि शिक्षक भर्ती-2018 वर्ग 01, वर्ग 02 की प्रक्रिया को तत्काल पूर्ण करवा कर, चयनित शिक्षकों अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान करें, उनकी रोजगार की मांग को पूरा करें. कमलनाथ ने एक और ट्वीट के जरिए राज्य सरकार को घेरते हुुए  कहा कि शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश में किसान फसल खराब होने पर मुआवजे के अभाव में कर रहे है आत्महत्या, रोजगार को लेकर भटकते युवा कर रहे है खुदकुशी, मासूम बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाएं हो रही हैं.

उन्होंने कहा कि खरगोन में मासूम बेटी के साथ दरिंदगी की घटना, सिहोर में फिर एक किसान की खुदकुशी की घटना, भोपाल में युवा की रोजगार ना मिलने पर खुदकुशी की घटना इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है. पता नहीं शिवराज सरकार कब नींद से जागेगी और ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी?

Web Title: By-elections Madhya Pradesh Tulsi Ram Silvat and Govind Rajput resign reason

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