By-Elections 2024: बिहार विधानसभा की 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सोमवार को थम जाएगा प्रचार का शोर
By एस पी सिन्हा | Published: November 10, 2024 03:22 PM2024-11-10T15:22:17+5:302024-11-10T15:22:17+5:30
राज्य इन चार सीट में से 3 में इंडिया गठबंधन तो वहीं एक सीट पर एनडीए की हम पार्टी का कब्जा है। अब 13 नवंबर को होने वाले चुनाव में इंडिया गठबंधन जहां चारों सीटों को जीतने का प्रयास करेगा।
पटना: हार विधानसभा की 4 सीटों पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार का शोर 11 नवंबर की शाम को थम जाएगा। इन चार सीट में से 3 में इंडिया गठबंधन तो वहीं एक सीट पर एनडीए की हम पार्टी का कब्जा है। अब 13 नवंबर को होने वाले चुनाव में इंडिया गठबंधन जहां चारों सीटों को जीतने का प्रयास करेगा। वहीं दूसरी ओर एनडीए भी पूरा जोर लगाएगी। बता दें कि विधानसभा की चार सीटों तरारी, रामगढ़, इमामगंज एवं बेलागंज में उपचुनाव प्रचार का शोर सोमवार की शाम थम जाएगा।
इससे पहले विभिन्न दलों के दिग्गजों ने चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है। इस उपचुनाव को एक ओर जहां एनडीए अगले वर्ष यानी 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर विपक्ष की तीन सीटों (तरारी, रामगढ़ एवं बेलागंज) को झटकने की कोशिश में जुटा है। वहीं, विपक्ष अपनी जीती हुई सीटों को बचाने के साथ ही सत्ता पक्ष की जीती हुई एक सीट (इमामगंज) पर नजर गड़ाए हुए है। वही, चारों सीटों पर स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान कराने की चुनाव आयोग की तैयारी अंतिम चरण में है।
आयोग ने किसी तरह की गड़बड़ी रोकने तथा सुरक्षा के दृष्टिकोण से पूरी व्यवस्था की है। आयोग द्वारा पोस्टर बैलेट से मतदान की प्रक्रिया भी जारी है। मतदान के दिन सुबह साढ़े पांच बजे से मॉक पोल की प्रक्रिया शुरू होगी। चुनाव आयोग ने सभी पोलिंग एजेंट से अपेक्षा की है कि वे मॉक पोल के समय निश्चित रूप से अपने-अपने मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहें। इसके बाद इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के 29 बूथों को छोड़कर सभी मतदान केंद्र के साथ तीन अन्य विधानसभा क्षेत्र में सुबह सात से शाम छह बजे मतदान संपन्न कराया जाएगा।
तरारी, रामगढ़, इमामगंज एवं बेलागंज में 13 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। उल्लेखनीय है कि लगभग एक वर्ष बाद संभावित विधानसभा चुनाव से पहले इन चार सीटों पर उपचुनाव की नौबत विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के कारण बनी है। हालांकि, चुनाव परिणाम से विधानसभा में पक्ष व विपक्ष की संख्या भले ही प्रभावित हो। लेकिन सत्ता के समीकरण में कोई अंतर नहीं आने वाला।