बीवी श्रीनिवास ने पूछा, "वैक्सीन से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर मोदीजी की फोटो होना चाहिए या नहीं?", मोदी सरकार ने वैक्सीन से हुई मौतों की जिम्मेदारी लेने से किया था इनकार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 30, 2022 08:11 PM2022-11-30T20:11:25+5:302022-11-30T20:18:58+5:30
केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कोरोना वैक्सीन से होने वाली मौत की जिम्मेदारी लेने से इनकार पर आक्रामक हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीवी श्रीनिवास ने तंज सकते हुए पूछा है कि अगर वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगी है तो वैक्सीन से होने वाली मौत के डेथ सर्टिफिकेट पर भी उनकी ही तस्वीर लगनी चाहिए।
दिल्ली: कोरोना महामारी के बचाव के लिए लगाई गई वैक्सीन से होने वाली मौत के मामले में केंद्र सरकार चौतरफा फंसती हुई दिखाई दे रही है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र द्वारा इस विषय में पल्ला झाड़ने के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेसमोदी सरकार को लेकर खासा आक्रामक है। कांग्रेस का स्पष्ट आरोप है कि मोदी सरकार ने वैक्सीन लगवाने के लिए परोक्ष रूप से लोगों पर दबाव डाला।
इसके साथ ही कांग्रेस का आरोप है कि वैक्सीन के अभियान के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रचार करने के लिए उनकी फोटो वैक्सीन सर्टिफिकेट पर अंकित की गई और अब सुप्रीम कोर्ट में सरकार यह कह रही है कि वैक्सीन से होने वाली मौतों के लिए वो जिम्मेदार नहीं है। जनता के प्रति केंद्र सरकार का यह रवैया बेहद निराशाजनक है।
इस मामले में यूथ कांग्रेस के प्रमुख और कोविड महामारी के दौरान लोगों की खुलकर मदद करने वाले बीवी श्रीनिवास ने भी मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है और ट्वीट करते हुए पूछा, "वैक्सीन सर्टिफिकेट पर अगर मोदी जी की तस्वीर हो सकती है तो वैक्सीन से हो रही मौतों के बाद जारी होने वाले डेथ सर्टिफिकेट पर भी मोदी जी की ही तस्वीर होनी चाहिए! ये एक 'जायज' मांग है, आप भी सहमत है?"
Vaccine Certificate पर अगर
— Srinivas BV (@srinivasiyc) November 30, 2022
Modi ji की तस्वीर हो सकती है,
तो Vaccine से हो रही मौतों के बाद
Death Certificate पर भी मोदी जी
की ही तस्वीर होनी चाहिए...!
ये एक 'जायज' मांग है, आप भी सहमत है?
दरअसल इस मुद्दे पर केंद्र सरकार उस समय फंस गई, जब सुप्रीम कोर्ट में सरकार से यह पूछा गया कि वो कोविड वैक्सीन के कारण होने वाली मौत के लिए मुआवजा देने को बाध्यकारी है या नहीं? इसके जवाब में केंद्र ने देश की शीर्ष अदालत से कहा कि वह कोविड वैक्सीन के कारण होने वाली मौत के लिए मुआवजा देने के लिए बाध्यकारी नहीं है क्योंकि पूरी तरह से स्वेच्छा से आधारित अभियान था, इसमें केंद्र की ओर से वैक्सीन लगवाने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया था।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट किया कि इस मामले में होने वाली मौत के लिए सरकार पर मुआवजा देने को विवश नहीं किया जा सकता है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह जवाब उस याचिका के संदर्भ में दिया था, जिसमें कोर्ट से कोविड वैक्सीन के कारण दो लड़कियों की मौत का दावा करते हुए केंद्र से मुआवजे की मांग की गई थी।
केंद्र ने अपनी दलील में यह भी कहा कि लगाई गई किसी भी वैक्सीन का निर्माण सरकार ने नहीं बल्कि थर्ड पार्टी ने बनाई है। वैक्सीन विभिन्न चरणों की परीक्षण में सफल होने के बाद ही लोगों को लगाई गई थी। इसके साथ ही केंद्र ने यह भी कहा कि कोरोना वैक्सीन का केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सफल परीक्षण हुआ था और हर जगह इसे महामारी के खिलाफ कारगर पाया गया था।
ऐसे हालात में अगर वैक्सीन के कारण इस तरह की कोई अप्रत्याशीत घटना होती है तो उसे दुर्लभ मामला माना जाना चाहिए और मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना कहीं से कानूनी तौर पर सही नहीं माना जा सकता है।