दिल्ली-वाराणसी हो सकता है बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का नया कॉरिडोर, लगेंगे महज 2 घंटे 37 मिनट!
By आदित्य द्विवेदी | Published: June 3, 2018 08:38 AM2018-06-03T08:38:26+5:302018-06-03T08:38:26+5:30
दिल्ली से वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन बनने से यूपी की एक बड़ी आबादी को फायदा पहुंचेगा। इसकी प्रोजेक्ट की लागत करीब 52,680 करोड़ रुपये होगी।
नई दिल्ली, 3 जूनः मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन निर्माण का कार्य भले ही धीमी गति से चल रहा हो लेकिन केंद्र सरकार जल्दी ही एक और बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की घोषणा करने की तैयारी में हैं। इस कॉरिडोर के लिए दिल्ली से वाराणसी का रूट की सबसे अधिक चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले ही इस प्रस्तावित कॉरिडोर की घोषणा हो सकती है।
इस प्रोजेक्ट से दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी के लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। दिल्ली से वाराणसी के करीब 720 किमी के सफर को तय करने में महज 2 घंटे 37 मिनट लगेंगे और इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 52,680 करोड़ रुपये होगी। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी कुछ भी नहीं कहा गया है।
बुलेट ट्रेन नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के सफल हो जाने से सरकार की छवि में सुधार होगा। दूसरा, वाराणसी पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है। बुलेट ट्रेन की घोषणा से वहां की जनता में उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी। रेलवे को भी लगता है कि इस रूट में बुलेट ट्रेन बनाने से उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा इससे जुड़ जाएगा।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट प्रोजेक्ट में अड़ंगा
मोदी सरकार का महात्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा होने की उम्मीद थी लेकिन इसमें बड़ा अडंगा लग सकता है। महाराष्ट्र के पालघर जिले में इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन मिलने में मुश्किल हो सकती है। इस मसले पर स्थानीय समुदाय और जनजातीय लोग विरोध में उतर आए हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक पालघर जिले के 70 से ज्यादा आदिवासी गांव ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन देने से मना कर दिया है। इस इलाके से गुजरने वाली महत्वाकांक्षी रेल परियोजना के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन की भी तैयारी की जा रही है।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से जुड़ी कुछ खास बातेंः-
- मुंबई और अहमदाबाद के बीच के 508 किलोमीटर के रूट पर चलेगी बुलेट ट्रेन।
- 508 किलोमीटर की दूरी बुलेट ट्रेन से सिर्फ दो घंटे सात मिनट में पूरी होगी।
- इस रूट पर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरुच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती 12 स्टेशन बनाए जाने हैं।
- भारत के पहले बुलेट ट्रेन की औसत स्पीड 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी और यह अधिकतम 350 किलोमीटर प्रतिघंटा के स्पीड से दौड़गी।
- इस रूट पर 468 किलोमीटर लंबा ट्रैक एलिवेडेट होगा, 27 किलोमीटर सुरंग के अंदर और बाक़ी 13 किलोमीटर ज़मीन पर।
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