बुलंदशहर हिंसा: पुलिस में भर्ती होना चाहता था सुमित, 20 दिन पहले पिता की मदद के लिए आया था घर

By भाषा | Published: December 5, 2018 02:16 AM2018-12-05T02:16:36+5:302018-12-05T02:16:36+5:30

सुमित के रिश्ते के एक भाई ने यह बात कही। 20 वर्षीय सुमित पुलिस बनने की राह पर अग्रसर था और वह इसके लिए घर से दूर एक कोचिंग क्लास भी करता था और प्रशिक्षण भी ले रहा था।

Bulandshahr Violence: Sumit kumar wanted to join the police, 20 days ago came to help Father | बुलंदशहर हिंसा: पुलिस में भर्ती होना चाहता था सुमित, 20 दिन पहले पिता की मदद के लिए आया था घर

बुलंदशहर हिंसा: पुलिस में भर्ती होना चाहता था सुमित, 20 दिन पहले पिता की मदद के लिए आया था घर

भविष्य में पुलिसकर्मी बनने का सपना देख रहा सुमित 20 दिन पहले ही खेतीबाड़ी में अपने पिता की मदद करने के लिए यहां आया था लेकिन शहर में भीड़ द्वारा की गई हिंसा में वह फंस गया और उसकी जान चली गई। 

सुमित के रिश्ते के एक भाई ने यह बात कही। 20 वर्षीय सुमित पुलिस बनने की राह पर अग्रसर था और वह इसके लिए घर से दूर एक कोचिंग क्लास भी करता था और प्रशिक्षण भी ले रहा था। 

गौरतलब है कि सोमवार को बुलंदशहर के स्याना में गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा के दौरान गोली लगने से सुमित की मौत हो गई थी। इसके अलावा एक पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार की भी मौत हो गई थी। 

मंगलवार को दोपहर में सुमित के अंतिम संस्कार से पहले उसके शव को पकड़कर रोती उसकी मां कह रही थी, ‘‘ वह पुलिस अधिकारी बनता।' 

सुमित के 23 वर्षीय भाई अनुज कुमार ने बताया कि 12वीं के बाद उसने बीकॉम की पढ़ाई शुरू की थी लेकिन एक साल बाद उसने इसे छोड़ दिया। इसके बाद वह बीए (प्राइवेट) करने लगा और बुलंदशहर में लाखोटी के एक कॉलेज से दो साल की पढ़ाई भी पूरी कर ली थी। 

कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ वह दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस में आवेदन करता था। वह पुलिस विभाग में भर्ती होने को लेकर आश्वस्त था और हर सुबह दौड़ने के लिए जाता था। उसने कुछ समय के लिए जिम भी जॉइन किया था।' 

सोमवार को हिंसा के दिन सुमित का एक दोस्त निकट के गांव बरौली से अपनी शादी का कार्ड देने आया था और जाते हुए उसने सुमित को बस स्टैंड तक छोड़ने के लिए कहा। यह बस स्टैंड चिंगरावती गांव के निकट मुख्य सड़क पर है। 

वह लोग जब चिंगरावती पुलिस चौकी के निकट थे तो वहां हिंसा भड़क उठी, यह स्थान पुलिस थाने के पास है लेकिन सुमित को इस हिंसा की भयावहता के बारे में पता नहीं था। 

अनुज ने कहा, ‘‘ यह दो घंटे तक चलता रहा और उसने सोचा कि यह खत्म हो जाएगा। छोटी लड़ाइयां प्राय: होती रहती है और लोग पुलिस चौकी के बाहर जुटते हैं लेकिन कुछ ऐसा हो जाएगा, इसकी कल्पना भी नहीं थी।' 

Web Title: Bulandshahr Violence: Sumit kumar wanted to join the police, 20 days ago came to help Father

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