भाजपा शासित राज्यों ने बजट को ‘जन समर्थक’ बताया, अन्य ने इसे दृष्टिकोण की कमी वाला कहा

By भाषा | Published: February 2, 2020 07:06 AM2020-02-02T07:06:08+5:302020-02-02T07:06:08+5:30

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा एवं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि बजट से नौकरियों के सृजन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और विकास के लिए आधारभूत ढांचों के निर्माण में सहयोग मिलेगा।

Budget 2020: BJP-ruled states described it as 'pro-people', others called it lack of vision | भाजपा शासित राज्यों ने बजट को ‘जन समर्थक’ बताया, अन्य ने इसे दृष्टिकोण की कमी वाला कहा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केंद्रीय बजट पेश किया। (फोटो- एएनआई)

Highlightsभाजपा के सहयोगी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ‘सकारात्मक बजट’ आम आदमी और किसानों के हित है।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश के उनके समकक्ष क्रमश: उद्धव ठाकरे और कमलनाथ बजट के प्रस्तावों से प्रभावित नहीं हुए।

भाजपा शासित राज्यों ने केंद्रीय बजट की प्रशंसा करते हुए इसे विकास को बढ़ावा देने, नौकरियों का सृजन करने और समाज के सभी तबकों को साथ लेकर चलने वाला बजट बताया। लेकिन विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों ने निराशा जताते हुए कहा कि इसमें अर्थव्यवस्था में नयी जान डालने के दृष्टिकोण की कमी है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा एवं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि बजट से नौकरियों के सृजन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और विकास के लिए आधारभूत ढांचों के निर्माण में सहयोग मिलेगा।

भाजपा के सहयोगी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ‘सकारात्मक बजट’ आम आदमी और किसानों के हित है। उन्होंने कहा कि मध्यवर्ग आयकर ढांचे में बदलाव से लाभान्वित होगा और खुली एवं बंजर जमीन पर सौर ग्रिड बनने से किसानों को फायदा होगा।

वहीं, बिहार के उद्योग संगठनों एवं उद्यमियों की मिश्रित प्रतिक्रिया रही। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कृषि रेल और कृषि उड़ान एवं शिक्षा में एफडीआई जैसे प्रस्तावों का तो समर्थन किया लेकिन राज्य के किसी भी पुरातात्विक स्थल को केंद्र द्वारा विकसित किये जाने वाले स्थलों में शामिल नहीं किये जाने पर अफसोस प्रकट किया।

उन्होंने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत सभी आवंटन करीब करीब स्थिर हैं जबकि केंद्रीय करों का विभाज्य पुल करीब 59000 करोड़ रूपये घट गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ इससे ओडिशा के ने हिस्से में 3000 करोड़ रुपये कमी आएगी।’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश के उनके समकक्ष क्रमश: उद्धव ठाकरे और कमलनाथ बजट के प्रस्तावों से प्रभावित नहीं हुए।

बनर्जी ने एलआईसी में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए इसे सार्वजनिक संस्थानों पर ‘‘घात लगाकर हमला’’ करने की योजना करार दिया। ठाकरे और केजरीवाल ने आरोप लगाए कि बजट में महाराष्ट्र और दिल्ली से ‘‘सौतेला’’ व्यवहार किया गया है।

कमलनाथ ने बजट को ‘‘निराशाजनक’ और ‘‘आंकड़ों की भूलभुलैया’’ करार देते हुए कहा कि इसमें आर्थिक सुस्ती और महंगाई से लड़ने की कमी है। केजरीवाल ने ट्वीट किया , ‘‘जब भाजपा की प्राथमिकताओं में दिल्ली नहीं है तो लोग उसे वोट क्यों दें? दिल्ली को बजट से काफी उम्मीदें थीं लेकिन इसके साथ फिर से सौतेला व्यवहार किया गया।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि सरकार के लिए अर्थव्यवस्था प्राथमिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ‘‘नकारात्मक और विभाजनकारी एजेंडा’’ चलाने में व्यस्त है।

बजट को ‘‘शब्दों की जादूगरी’’ करार देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लोगों या उद्योगों को राहत देने पर ध्यान नहीं दिया गया। गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘बजट भाषण में वर्तमान आर्थिक संकट के समाधान के लिए विषय वस्तु की कमी थी। यह महज शब्दों की बाजीगरी थी जिसमें आम आदमी या उद्योगों को राहत नहीं दी गई।’’ राजस्थान भाजपा ने गहलोत के आरोपों का प्रतिकार करते हुए कहा कि बजट ‘‘संतुलित एवं समग्र’’ है।

राजस्थान के उद्योग संगठनों की इस बजट पर मिश्रित प्रतिक्रिया रही है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि केंद्रीय बजट बिल्कुल निराशाजनक है और केंद्र ने राज्य के लिए जारी की जाने वाली धनराशि में काफी कटौती कर तेलंगाना के साथ भेदभाव दर्शाया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट के प्रावधानों की प्रशंसा की और पर्यटन क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों को लेकर सीतारमण को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी को विकसित किये जाने से उसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी और हरियाणा में पर्यटन राजस्व को बढ़ावा मिलेगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘यह बजट देश के आधारभूत ढांचे के विकास, किसानों के विकास, युवकों के लिए नौकरियों और देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।’’ येदियुरप्पा ने कहा कि बजट में ग्रामीण भारत पर जोर देने से किसानों को काफी फायदा मिलेगा। केरल के मुख्मयंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि बजट से अर्थव्यवथा को मजबूत करने या सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद नहीं मिलेगी बल्कि इससे महंगाई और बेरोजगारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बजट में दक्षिणी राज्यों की ‘‘आवश्यक जरूरतों’’ की भी अनदेखी की गई।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बजट को ‘‘जनसमर्थक’’ बताया क्योंकि यह ‘जीवन की सुगमता’ पर आधारित है। सावंत ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को बधाई देता हूं कि उन्होंने आम आदमी पर केंद्रित बजट बनाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुदृढ़ भारत का ख्याल रखा।’’ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे उज्जवल भारत के लिए उज्जवल बजट करार दिया और कहा कि यह गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं पर समर्पित है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने बजट को सराहा और कहा कि इससे समाज के सभी वर्गों की उम्मीदें एवं आकांक्षाएं पूरी होंगी ।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसे ‘ऐतिहासिक बजट’ करार दिया। इसे किसानों के हित में बताते हुए उन्होंने कहा कि किसानों से संबंधित योजनाओं से उन्हें अपनी आय दोगुणी करने में मदद मिलेगी। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक सहित राजग के सहयोगी दलों ने बजट की सराहना की जबकि द्रमुक के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना की।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट की प्रशंसा की, वहीं द्रमुक अध्यक्ष एवं राज्य में विपक्ष के नेता एम. के. स्टालिन ने कहा कि बजट में आर्थिक सुस्ती एवं बेरोजगारी जैसे मुद्दों का समाधान नहीं किया गया। जम्मू कश्मीर कांग्रेस ने बजट की आलोचना की और कहा कि अप्रत्याशित राजनीतिक और सुरक्षा संबंधित उथल-फुथल से गुजरे लोगों की आकांक्षाओं पर यह खरा नहीं उतरा है। 

Web Title: Budget 2020: BJP-ruled states described it as 'pro-people', others called it lack of vision

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