बढ़ने ही थे पेट्रोल के रेट, सारी मुफ्त-माफी योजनाएं इसी से चलतीं हैं!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: July 7, 2019 08:15 AM2019-07-07T08:15:06+5:302019-07-07T08:15:06+5:30
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सत्ता बचाने के लिए राजस्थान की भाजपा सरकारों ने पेट्रोल-डीजल के दामों पर नियंत्रण किया था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इनकी कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है. जहां राजस्थान में पेट्रोल 76 रुपए के करीब पहुंच रहा है, वहीं मध्य प्रदेश में 78 रुपए पार हो गया है.
लोकसभा चुनाव जीतने के लिए जितनी भी मुफ्त-माफी योजनाओं के वादे किए गए थे, उनका असर अब आम आदमी की जेब पर नजर आएगा. ये मुफ्त-माफी योजनाएं टैक्स, पेट्रोल-डीजल के रेट के दम पर ही चलती हैं, लिहाजा इनकी कीमतें तो बढ़नी थीं. यह बात अलग है कि इसके बाद महंगाई पर भी असर पड़ेगा.
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सत्ता बचाने के लिए राजस्थान की भाजपा सरकारों ने पेट्रोल-डीजल के दामों पर नियंत्रण किया था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इनकी कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है. जहां राजस्थान में पेट्रोल 76 रुपए के करीब पहुंच रहा है, वहीं मध्य प्रदेश में 78 रुपए पार हो गया है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि पेट्रोल-डीजल पर चार फीसदी टैक्स पहले भी लगता था, इसको पिछली भाजपा सरकार ने चुनाव जीतने के लिए हटा दिया, लेकिन हमने फिर से इसको लगाकर भाजपा की गलती को सुधारा है.
हमारा फैसला सही है. राजस्थान सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वैट चार फीसदी तक बढ़ा दिया है, जिसी वजह से पेट्रोल पर अब वैट 26 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत और डीजल पर 18 प्रतिशत से बढ़कर 22 प्रतिशत हो गया है. जबकि केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल पर 2.41 रुपए और डीजल पर 2.37 रु पए पहले ही बढ़ाए गए हैं, मतलब-इन्हें जोड़कर पेट्रोल की कीमत करीब 4.50 रुपए और डीजल की कीमत करीब 5 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ रही है.