बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने चीन के प्रति दिखाई दरियादिली, चीन को कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की
By एस पी सिन्हा | Published: December 30, 2022 05:23 PM2022-12-30T17:23:26+5:302022-12-30T17:26:01+5:30
दलाई लामा ने कहा कि कोरोना परमाणु बम से भी खतरनाक है, यह दुनिया में तबाही मचा चुका है। अब दुनिया इससे मुक्त हो जाए, इसके लिए हमारी प्रार्थना जारी है। कोरोना से मुक्ति के लिए दलाई लामा ने तारा पाठ करने को कहा है।
पटना: चीन में कोरोना महामारी से जारी तबाही के बीच बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा है कि चीन जैसा भी करे, लेकिन वह इस समय मुश्किल दौर में है। मुश्किल समय के नाते उनकी पूरी सहानुभूति चीन के साथ है। इस मुश्किल से निकलने के लिए दलाई लामा ने प्रार्थना भी की है। उन्होंने कहा कि कोरोना परमाणु बम से भी खतरनाक है, यह दुनिया में तबाही मचा चुका है। अब दुनिया इससे मुक्त हो जाए, इसके लिए हमारी प्रार्थना जारी है। कोरोना से मुक्ति के लिए दलाई लामा ने तारा पाठ करने को कहा है।
दलाई लामा ने बोधगया को पवित्र धरती बताते हुए कहा कि इससे अधिक से अधिक पुण्य संचित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम भी पुण्य संचित कर रहे हैं। कल बुद्धचित की दीक्षा दी गई और आज बौद्ध दर्शन के सार के रूप में है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही बुद्धचित का अभ्यास करता आया हूं। भारत में आने के बाद ध्यान ज्यादा संभव हो पाया है। दलाई लामा ने कहा कि सभी बुद्धचित तारामंत्र चिंतन करें। बौद्ध धर्म गुरु ने कहा कि परमाणु बम के अधीन कब तक रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि परमाणु बम की घटना दुखद होती है। धरती के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हमें बुद्ध के शासन को रखना है, इसके लिए बुद्ध चित की आवश्यकता है। दलाई लामा ने कहा यदि स्वयं पर विजय प्राप्त कर लिया तो फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी। इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता। गौतम बुद्ध कहते हैं कि व्यक्ति कभी भी बुराई से बुराई को खत्म नहीं कर सकता है। ऐसे में हम सभी को बुद्धचित से बुद्ध का शासन लाना है।
वहीं, चीनी महिला की रेकी का खुलासा होने के दूसरे ही दिन दलाई लामा ने शांति का बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने विश्व के कल्याण के लिए दुनिया को परमाणु और कोरोना रहित बनाने के लिए प्रार्थना की है। उधर, चीनी महिला द्वारा रेकी के खुलासे के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दुनिया के कई देशों के साथ भारत के अलग अलग राज्यों से आए श्रद्धालुओं से पूरा बोधगया भरा हुआ है।
नेपाल, भूटान, यूरोप, अमेरिका, थाईलैंड के साथ अन्य कई देशों से आए लोगों ने दलाई लामा की टीचिंग में भाग लिया और बौद्ध धर्म गुरु के दीर्घायु होने के लिए प्रार्थना भी की। कालच्रक मैदान में दलाई लामा के दीर्घायु के लिए विशेष पूजा का भी आयोजन किया गया है, इसमें भारत के साथ अन्य देशों के लोग भी अधिक संख्या में शामिल होंगे।