2016-17 के लिए अभी तक जिन राष्ट्रीय पार्टियों ने अपनी आय की घोषणा की है, उनमें मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) पहले स्थान पर है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक बीएसपी सुप्रीमो मायावती की पार्टी में सबसे आय के मामले में सबसे जबरदस्त इजाफा हुआ है।
पेश की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय साल 2015-16 और 2016-17 के दौरान मिले डोनेशन की बदौलत बीएसपी की आय में 266 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई है। राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई ऑडिट रिपोर्ट का विश्लेषण करके ये रिपोर्ट पेश की गई है। जिसके हिसाब से मायावती की सबकी कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2016-17 में 299.54 करोड़ रुपये आय हुई, जो और सभी पार्टियों की तुलना में कई गुना ज्यादा है।
खबर के मुताबिक बीएसपी की पूरे साल की आय 2015-16 के 47 करोड़ रुपये से बढ़कर 2016-17 में 126 करोड़ तक पहुंच गई। जबकि 2016-17 में इसमें और इजाफा हुआ, जिस हिसाब से 2016-17 में बीएसपी की आय 173.58 करोड़ रही। इतना ही नहीं बल्कि नोटबंदी के बावजूद 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी बीएसपी की वार्षिक आय में बढ़ोत्तरी होती रही। एडीआर की इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मिले डोनेशन में से बीएसपी ने सिर्फ 30 प्रतिशत ही खर्च किया था।
अभी तक चुनाव आयोग को केवल पांच पार्टियों- बीएसपी, सीपीएम, सीपीआई, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने अपनी सालाना आय की जानकारी दी है, जिसके हिसाब से बीएसपी टॉप पर है। इन पांचों पार्टियों की वार्षिक आय कुल मिलाकर लगभग 300 करोड़ रुपये है, जबकि इन पांचों पार्टियों में से बीएसपी की आय का हिस्सा 58 प्रतिशत है।
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी की बात करें तो इस पार्टी में 2016-17 के दौरान 6.39 करोड़ रुपये की सालाना आय घोषित की थी लेकिन पार्टी ने अपनी कुल आय से 17.87 करोड़ रुपये (280 फीसदी) ज्यादा खर्च किए हैं। बीजेपी और कांग्रेस ने अभी अपनी सालाना आया के बारे में चुनाव आयोग को कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिम 2015-16 में बीजेपी की आय सभी नेशनल पार्टियों से ज्यादा थी। बीजेपी ने 2015-16 में 570.86 करोड़ रुपये की वार्षिक आय घोषित की थी।