बसपा पहुंची राजस्थान हाई कोर्ट, मायावती ने कहा है- कांग्रेस और गहलोत को सबक सिखाने की जरूरत
By पल्लवी कुमारी | Published: July 29, 2020 12:29 PM2020-07-29T12:29:23+5:302020-07-29T12:29:23+5:30
बसपा प्रमुख ने मायावती ने मंगलवार (28 जुलाई) को दावा करते हुए था, दुख की बात यह है कि अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी बदनियती से बसपा को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे सभी छह विधायकों को कांग्रेस में मिलाने की खातिर असंवैधानिक तरीके से कार्य किया। यही कृत्य उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में किया था।
जयपुर:राजस्थान की अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। बसपा ने राजस्थान हाई कोर्ट में छह विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका दी है। याचिका बसपा महासचिव सतीश मिश्रा की ओर दाखिल की गई है। राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका से ठीक एक दिन पहले मंगलवार (28 जुलाई) को बसपा सुप्रीम मायावती ने कहा था कि कांग्रेस और सीएम गहलोत को सबक सिखाने की जरूरत है।
बसपा विधायक लखन सिंह (करौली), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), वाजिब अली (नगर, भरतपुर) और जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय कराए जाने का मायावती कई बार विरोध कर चुकी हैं।
साल 2018 के चुनाव में संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा बसपा के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने पिछले साल 16 सितंबर को कांग्रेस में एक समूह के रूप में विलय के लिए अर्जी दी थी।
मायावती ने कहा- कांग्रेस और गहलोत को सबक सिखाने की जरूरत, सही समय का BSP को था इंतजार
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने राजस्थान के राजनीतिक संकट के बीच मंगलवार (28 जुलाई) को कहा कि था उनकी पार्टी के विधायकों का ‘असंवैधानिक तरीके’ से विलय कराने के लिए कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सबक सिखाना जरूरी है और छह विधायकों के मुद्दे पर बसपा हाई कोर्ट जाएगी।
मायावती ने कहा, कांग्रेस और गहलोत को सबक सिखाने के लिए बसपा सही समय का इंतजार कर रही थी। मायावती ने एक बयान में कहा, राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बसपा ने कांग्रेस को बिना मांगे समर्थन दिया था ताकि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखा जा सके।
मायावती ने कहा, गहलोत का कदम संविधान की 10वीं अनुसूची के विरुद्ध है। इसलिए बसपा के विधायकों को व्हिप जारी किया गया है कि वे कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट करें। यह निर्णय कांग्रेस की तरफ से बार बार धोखा दिए जाने के कारण लिया गया।
उनके मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस की रहती है या नहीं रहती है, इसकी पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस और अशोक गहलोत की होगी। मायावती ने कहा, बसपा इस मामले को लेकर पहले भी अदालत जा सकती थी, लेकिन कांग्रेस और खासकर अशोक गहलोत को सबक कब सिखाया जा सकता है, इसकी हम राह देख रहे थे। अब हमने अदालत में जाने का फैसला किया।''
बसपा ने छह विधायकों के खिलाफ जापी किया व्हिप
राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम को एक नया मोड़ देते हुए बसपा ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिये पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ मतदान करने का रविवार (26 जुलाई) को व्हिप जारी किया था।
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने अर्जी के दो दिन बाद आदेश जारी कर घोषित किया कि इन छह विधायकों से कांग्रेस के अभिन्न सदस्य की तरह व्यवहार किया जाए। इस विलय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हो गई।