पश्चिम बंगाल में हुई चुनावी हिंसा पर बीएसएफ ने कहा- संवेदनशील बूथों की जानकारी नहीं दी गई, सिर्फ संख्या बताई गई थी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 9, 2023 03:52 PM2023-07-09T15:52:04+5:302023-07-09T15:53:28+5:30
बीएसएफ के उप महानिरीक्षक एसएस गुलेरिया ने कहा है कि केंद्रीय बल को संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर कर्मियों को तैनात करने के लिए कोई सूची नहीं मिली। पंचायत चुनाव के लिए बीएसएफ, सीएपीएफ और राज्य सशस्त्र बलों की टुकड़ियों को तैनात किया गया था।
West Bengal Panchayat Election: पंचायत चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की लहर में कम से कम 10 लोगों की जान जाने के बाद, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि जिन स्थानों पर केंद्रीय बल तैनात थे, वहां किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। बीएसएफ के उप महानिरीक्षक एसएस गुलेरिया ने एएनआई से बात करते हुए कहा है कि केंद्रीय बल को संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर कर्मियों को तैनात करने के लिए कोई सूची नहीं मिली।
8 जुलाई को सुबह 7 बजे जैसे ही मतदान शुरू हुआ, नादिया, मुर्शिदाबाद और मालदा जिले में अलग-अलग घटनाओं में 6 तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। कूच बिहार में एक बीजेपी पोलिंग एजेंट की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। पूर्वी बर्दवान जिले में कल शाम गंभीर रूप से घायल हुए एक सीपीआई (एम) कार्यकर्ता ने आज सुबह एक अस्पताल में दम तोड़ दिया।
मारे गए लोगों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के छह सदस्य, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के एक-एक कार्यकर्ता और 2 अन्य व्यक्ति शामिल है, जिसकी पहचान उजागर नहीं हो सकी है। अधिकारियों के मुताबिक, हिंसक झड़पों में कई लोग घायल भी हुए हैं।
एसएस गुलेरिया ने कहा कि पंचायत चुनाव के लिए बीएसएफ, सीएपीएफ और राज्य सशस्त्र बलों की टुकड़ियों को तैनात किया गया था। जिन स्थानों पर ये सैनिक तैनात थे, वहां किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। गुलेरिया के अनुसार जहां भी इन सैनिकों को तैनात किया गया था, वहां चुनाव सुचारू रूप से आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि हमें संवेदनशील, अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची नहीं मिली, जो बलों की तैनाती के लिए सहायक हो।
उन्होंने आगे कहा कि बीएसएफ ने राज्य चुनाव आयोग को लिखा था लेकिन उन्हें 7 जून को संवेदनशील बूथों की संख्या को छोड़कर कोई अन्य जानकारी नहीं मिली। इस हिंसा के लिए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमितसाह ने भी रिपोर्ट मांगी है।