धर्मगुरु का 'ज्ञान' सुनकर भन्ना गया कर्नाटक सीएम येदियुरुप्पा का माथा, कहा- मैं यहां यह सब सुनने के लिए नहीं आया हूं

By रामदीप मिश्रा | Published: January 15, 2020 01:50 PM2020-01-15T13:50:13+5:302020-01-15T13:50:27+5:30

सीएम येदियुरप्पा ने रैली को संबोधित करते हुए इस्तीफे की भी पेशकश की। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह उन 17 बागी विधायकों का ध्यान रखने के लिए मजबूर थे जिन्होंने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में मदद की और अपनी पार्टियों को छोड़ दिया। 

BS Yediyurappa lost his temper at a public event on Tuesday, says Not Here To Listen To All This | धर्मगुरु का 'ज्ञान' सुनकर भन्ना गया कर्नाटक सीएम येदियुरुप्पा का माथा, कहा- मैं यहां यह सब सुनने के लिए नहीं आया हूं

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा धर्मगुरु से नाराजगी जाहिर करते हुए।

Highlightsकर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा बीते दिन मंगलवार (14 जनवरी) को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपना आपा खो बैठे।वह नाराज होकर मंच से चल दिए।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा बीते दिन मंगलवार (14 जनवरी) को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपना आपा खो बैठे और नाराज होकर मंच से चल दिए। वह लगभग मंच से उतर गए थे कि इस बीच लिंगायत धर्मगुरु वचनानंद स्वामी ने उन्हें रुकने का आग्रह किया, जिसके बाद वह दोबारा अपनी सीट पर जाकर बैठे। यह लिंगायत रैली दावणगेरे में आयोजित की गई थी। 

दरअसल, मामला ऐसा था कि लिंगायत धर्मगुरु वचनानंद स्वामी ने इस धार्मिक रैली में बीजेपी विधायक को कैबिनेट मंत्रिपद दिए जाने की सिफारिश कर रहे थे। उन्होंने येदियुरप्पा से कहा, 'सीएम, आप मेरे बगल में हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं, मुरुगेश निरानी को नजरअंदाज न करें। यदि आप इस पर ध्यान नहीं देते हैं, तो आप पूरे समुदाय का समर्थन खो देंगे।'

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, धर्मगुरु वचनानंद स्वामी की यह बात सुनकर सीएम का माथा भन्ना गया। वह अपनी सीट से उठकर खड़े हो गए और कहा, 'मैं यहां यह सब सुनने के लिए नहीं हूं... मैं आपकी मांगों के अनुसार काम नहीं कर सकता। मैं जा रहा हूं।'

इसके बाद येदियुरप्पा ने वचनानंद स्वामी के पैर छुए और मंच छोड़ने जाने लगे। इस बीच वचंदा स्वामी ने उनसे रुकने के लिए आग्रह किया। मुख्यमंत्री आखिरकार अपनी सीट पर लौट आए। इस दौरान कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई और अन्य बीजेपी नेता भी मंच पर मौजूद थे।

इसके बाद में येदियुरप्पा ने रैली को संबोधित करते हुए इस्तीफे की भी पेशकश की। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह उन 17 बागी विधायकों का ध्यान रखने के लिए मजबूर थे जिन्होंने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में मदद की और अपनी पार्टियों को छोड़ दिया। 

उन्होंने कहा, 'मैं धर्मगुरु से अनुरोध करता हूं, कृपया मेरी स्थिति को समझें। इन 17 लोगों ने विधायकों और मंत्रियों के रूप में इस्तीफा दे दिया। ये लोग न होते तो येदियुरप्पा मुख्यमंत्री नहीं बनते। यह उनके बलिदान और आपके आशीर्वादों का परिणा है कि मैं राज्य का सीएम बना । धर्मगुरु सुझाव दें, मैं व्यक्तिगत रूप से आकर चर्चा करूंगा। अगर आपको जरूरत नहीं है, तो मैं कल इस्तीफा देने को तैयार हूं। मैं अपनी कुर्सी पर चिपका नहीं हूं।'

Web Title: BS Yediyurappa lost his temper at a public event on Tuesday, says Not Here To Listen To All This

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