पुलवामा आतंकी हमले और फिर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बीच सीमा पर जारी तनातनी के माहौल में भारत को कूटनीतिक तौर पर भी बड़ी सफलता मिली है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित आतंकी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव पेश कर दिया है।
इसके तहत तीनों देशों ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद से कहा है कि मौलाना मसूद अजहर पर हथियार, संपत्ति जब्त, दुनिया में कहीं भी यात्रा पर बैन लगाया जाए। इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि जैश ने ही कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों पर हमले करवाये।
इससे पहले सूत्रों के हवाले से ये खबर आई थी कि फ्रांस मौलाना मसूद अजहर पर बैन लगाने लगाने के पक्ष में है। ऐसी खबरें थी कि फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मार्च में अध्यक्षता मिलने के बाद के बाद इस प्रस्ताव को प्रतिबंध समिति के समक्ष रख सकता है। 15 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर माह एक देश से दूसरे देश के हाथ में जाती है और एक मार्च को इसकी अध्यक्षता इक्वेटोरियल गुयाना से फ्रांस के पास चली जाएगी। फ्रांस के पास वीटो की शक्ति है। यह चौथी बार है जब संयुक्त राष्ट्र में पिछले 10 साल में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग हो रही है।
भारत ने पाकिस्तान को दिये सबूत
इससे पहले भारत ने सीआरपीएफ पर पुलवामा में किए गए आतंकवादी हमले में जैश-ए-मोहम्मद की संलिप्तता से संबंधित ‘विशिष्ट ब्यौरे’ और पाकिस्तान में मौजूद प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के शिविरों के बारे में एक अधिकृत दस्तावेज (डोजियर) पाकिस्तान को बुधवार को सौंपा।
यह डोजियर पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपा गया। पाक के इस राजनयिक को विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए तलब किया था।