बृज भूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह बब्लू ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 31, 2023 06:20 PM2023-07-31T18:20:09+5:302023-07-31T18:21:15+5:30
बृज भूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी और डब्ल्यूएफआई के संयुक्त सचिव संजय सिंह बब्लू ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। संजय सिंह बब्लू पिछले 20 वर्षों से कुश्ती संघ का हिस्सा हैं।
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी और डब्ल्यूएफआई के संयुक्त सचिव संजय सिंह बब्लू ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। संजय सिंह बब्लू पिछले 20 वर्षों से कुश्ती संघ का हिस्सा हैं। रविवार रात से सोमवार सुबह तक चली मैराथन बैठक में संजय सिंह बब्लू का नाम फाइनल हुआ। संजय सिंह बब्लू ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया। उनका नाम बृज भूषण शरण सिंह ने ही आगे बढ़ाया था।
इससे पहले यौन उत्पीड़न के आरोपों से जूझ रहे बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने कहा था कि नके परिवार का कोई भी सदस्य राष्ट्रीय खेल निकाय का चुनाव नहीं लड़ेगा। लेकिन उन्होंने कहा था कि उनके समूह को 25 में से 22 राज्य संघों का समर्थन प्राप्त है। पिछले कुछ दिनों से कुश्ती संघ के चुनाव को लेकर बृज भूषण शरण सिंह काफी सक्रिय थे और उन्होंने क निजी होटल में कई राज्य कुश्ती निकायों के साथ कई बैठकें बुलाई थीं।
रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि मैं चाहता हूं कि चुनाव निष्पक्ष हों और सक्षम व्यक्ति को अध्यक्ष बनना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि वह संजय सिंह बब्लू को कई सालों से जानते हैं। बृज भूषण शरण सिंह ने कहा, "डब्ल्यूएफआई में मेरा कद और समर्थन है और प्रमुख उम्मीदवार मेरे फैसले में मेरे साथ हैं। मैं संजय सिंह बब्लू को कई सालों से जानता हूं। वह डब्ल्यूएफआई में संयुक्त सचिव थे और वह कुश्ती के बारे में सबसे अच्छे से जानते हैं। उन्हें मेरा और अन्य राज्य निकायों का पूरा समर्थन प्राप्त है।"
बता दें कि महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का सामना कर रहे बृज भूषण शरण सिंह इस समय जमानत पर बाहर हैं। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह को जमानत देते हुए उन पर कुछ शर्तें लागू की है जिसके अनुसार, वह अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे, गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे।