ब्राह्मण समाज ने मृत्युभोज बंद कर आध्यात्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार का महत्वपूर्ण निर्णय लिया
By भाषा | Published: May 18, 2020 05:51 AM2020-05-18T05:51:24+5:302020-05-18T05:51:24+5:30
विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय मीडिया सलाहकार विमलेश शर्मा ने एक बयान में बताया कि मृत्यु पर भोज जैसी कुप्रथा को बंद कर पुराने धार्मिक एवं आध्यात्मिक केन्द्रों के जीर्णोद्धार के पीछे सोच है कि समाज और मानव हित में हमारी सनातन संस्कृति अक्षुण्ण रहे। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसकी परम आवश्यकता महसूस की जा रही हैं।
विप्र फाउंडेशन के सदस्यों ने रविवार को ब्राह्मण समाज में मृत्युभोज बंद कर आध्यात्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार की परंपरा शुरू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
विप्र फाउंडेशन राष्ट्रीय परिषद की रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगाई गई।
विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय मीडिया सलाहकार विमलेश शर्मा ने एक बयान में बताया कि मृत्यु पर भोज जैसी कुप्रथा को बंद कर पुराने धार्मिक एवं आध्यात्मिक केन्द्रों के जीर्णोद्धार के पीछे सोच है कि समाज और मानव हित में हमारी सनातन संस्कृति अक्षुण्ण रहे। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसकी परम आवश्यकता महसूस की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि अब कोरोना काल में तो नए सिरे से इनकी वैज्ञानिकता भी प्रमाणित हो गई है। परिषद इसके लिए एक जनजागरण अभियान चलाएगी कि मृत आत्मा की शांति हेतु कर्मकांड पूरे विधि-विधान से करवाए पर मृत्यु पर भोज ना करें।
परिजनों की आत्मा की शान्ति एवं उनकी स्मृति को चिर स्थाई बनाए रखने के लिए आध्यात्मिक तथा अन्य जनोपयोगी स्थलों के जीर्णोद्धार में भोज की राशि का सदुपयोग करें।
परिषद की इस ऑनलाइन बैठक में ब्राह्मण समाज की 22 संवर्गों के 207 से ज्यादा लोगों ने देश के 69 स्थानों से भाग लिया। जयपुर सांसद रामचंद्र बोहरा, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा कवि सुरेन्द्र शर्मा और अन्य सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।