भारतीय वायुसेना का एक विमान एएन साल 1968 में 12 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस समय इस विमान ने 102 यात्री सफर कर रहे थे। ऐसे में अब 50 साल बाद पर्वतारोहियों के एक दल को हिमाचल प्रदेश के ढ़ाका ग्लेशियर से एक सैनिक का शव मिला है पर्वतारोहियों की टीम के मुताबिक जब वे लोग ढ़ाका ग्लेशियर जो कि समुद्र तल से करीब 6200 मीटर ऊंचाई पर उन्हें विमान के अवशेष मिले। जिसके बाद वो सभी लोग सचेत हुए और टीम के सदस्य जब कुछ आगे बढ़े तो वहां एक जवान का शव बर्फ में दबा मिला। शव बर्फ में दबे होने की वजह से सही सलामत था।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले कुछ पर्वतारोहियों की एक टीम को 2003 में भी विमान के कुछ हिस्से मिले थे। उस समय उन्हें किसी शरीर के कुछ अवशेष भी मिले थे। उसकी पहचान उड़ान भरने वाले सेना के एक जवान सिपाही बेली राम के रूप में की गई थी। वहीं, 2007 में इंडियन आर्मी द्वारा चलाए गए एक ऑपरेशन पुनरूत्थान II के दौरान तीन और शवों को बरामद किया गया था।
ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि इसी क्षेत्र में अन्य लोगों के शव भी मौजूद होंगे। 7 फरवरी 1968 को दो इंजन का एक विमान ने चंडीगढ़ से लेह एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन अचानक इस विमान का संपर्क बंद हो गया और विमान कहीं गायब हो गया। बहुत पता करने के बाद भी इसका कुछ पता नहीं चला।
कहते हैं कि यह दुर्घटना उस समय हुई थी, जब लेह के करीब पहुंचने पर मौसम अनुकूल न होने की वजह से पायलट ने जहाज हो वापस लाने का फैसला किया। इस दौरान विमान गुम हो गया था। विमान के रेडियो का आखिरी सिग्नल रोहतंग दर्रे के पास मिला था। विमान के गायब होने के बाद इसे खोजने का काफी प्रयास किया गया था, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो इसे गायब घोषित कर दिया गया।