बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने विश्वस्तरीय इंस्टीट्यूट का किया शिलान्यास, चार भाषाओं में होगी पढ़ाई, जानें खासियत

By एस पी सिन्हा | Published: January 3, 2023 04:21 PM2023-01-03T16:21:29+5:302023-01-03T16:22:53+5:30

बोधगयाः शिलान्यास समारोह में बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी, केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी शरीक हुए।

Bodh Gaya Buddhism guru Dalai Lama foundation stone "The Dalai Lama Center for Tibetan and Indian Ancient Wisdom" world famous Nalanda University | बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने विश्वस्तरीय इंस्टीट्यूट का किया शिलान्यास, चार भाषाओं में होगी पढ़ाई, जानें खासियत

40 में से दस एकड़ भूमि बिहार सरकार ने दी है और शेष भूमि मैत्रय प्रोजेक्ट ने दी है।

Highlights"द दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतन एंड इंडियन एंशियंट विजडम का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया।भारतीय मनोविज्ञान और बौद्ध धर्म से जुड़े विषयों पर शोध व अध्ययन होंगे।40 में से दस एकड़ भूमि बिहार सरकार ने दी है और शेष भूमि मैत्रय प्रोजेक्ट ने दी है।

पटनाः विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय की तरह ही अब बोधगया में भी देश विदेश के छात्र पढ़ने के लिए आएंगे। बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने आज 10 बजे "द दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतन एंड इंडियन एंशियंट विजडम का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया।

इस शिलान्यास समारोह में बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी, केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी शरीक हुए। यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक महाविद्यालय होगा, जिसमें चार भाषओं में पढ़ाई और शोध होगा।

वहीं, शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा ने प्रवचन देते हुए कहा इंसान को ईष्या और घमंड नहीं करनी चाहिए। इंसान का  मन में शांति नहीं है और अन्दर क्रोध है उससे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा क्रोध जब भी उत्पन होता है वो ईर्ष्या और घमंड की वजह से होता है। मन में शांति रखनी चाहिए।

दलाई लामा ने भारत देश के बारे में बताया ये अहिंसा के रास्ते पर चलने वाली और मानने वाला देश है। आप जिस भी धर्म को मानते है। भारत एक धर्मनिरेक्ष देश है। उन्होंने कहा तिब्बती अपने आप को खुश नसीब मानते है जो भारत के शरणार्थी है। दलाई लामा ने कहा मेंरे पास बहुत कुछ कहने को नहीं है, राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा मदद दिया गया उसके लिए, मैं धन्यवाद देते हैं। 

यह विद्याकेंद्र बोधगया के दुमोहन स्थित मैत्रिया प्रोजेक्ट कि भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक महाविद्यालय है। इस संबंध में तिब्बती मठ के मुख्य आम्जे लामा का कहना है कि इस विश्वस्तरीय इंस्टीट्यूट में भारतीय मनोविज्ञान और बौद्ध धर्म से जुड़े विषयों पर शोध व अध्ययन होंगे।

यहां मुख्य रूप से इंडियन फिलॉस्फी, लॉजिक, मनोविज्ञान और 14वें दलाई लामा के चार सिद्धांतों- ह्यूमन वैल्यू, रीलिजियस हार्मोनी, तिब्बत और रिवाइवल ऑफ एंशियंट इंडियन विजडम से जुड़े विषयों की पढ़ाई की सुविधा होगी। साथ ही भारत की प्राचीन विद्या का अध्ययन कराया जाएगा। यह संस्थान करीब 40 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है।

40 में से दस एकड़ भूमि बिहार सरकार ने दी है और शेष भूमि मैत्रय प्रोजेक्ट ने दी है। जिस पर विश्वविद्यालय का भव्य स्वरूप तैयार किया जाएगा। संस्थान के पूरी तरह से तैयार होने में करीब चार साल का समय लगेगा। इसमें इंडिया एवं तिब्बत के साथ ही विश्व भर के छात्र अध्ययन के लिए आएंगे। पढ़ाई के साथ ही छात्रों के रहने के लिए भी बेहतर इंतजाम रहेगा। यह इंस्टीट्यूट अपने आप बेजोड़ होगा। नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज में न केवल सुविधा होगी बल्कि अध्ययन- अध्यापक का एक बड़ा केंद्र होगा।

Web Title: Bodh Gaya Buddhism guru Dalai Lama foundation stone "The Dalai Lama Center for Tibetan and Indian Ancient Wisdom" world famous Nalanda University

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