पटना विश्वविद्यालय की नेत्रहीन छात्राओं ने लगाया देह व्यापार के लिए मजबूर किए जाने का आरोप, मानवाधिकार आयोग को लिखा पत्र 

By एस पी सिन्हा | Published: October 26, 2019 06:12 AM2019-10-26T06:12:30+5:302019-10-26T06:12:30+5:30

स्थानीय थाने में फरियाद नहीं सुने जाने के बाद छात्रों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (नई दिल्ली) और राज्य मानवाधिकार आयोग (पटना) के पास अलग-अलग शिकायत कर यह आरोप लगाया है कि नेत्रहीन छात्राओं को देह व्यापार के लिए भी मजबूर किया जाता है. 

Blind girl students of Patna University alleged of being forced into prostitution | पटना विश्वविद्यालय की नेत्रहीन छात्राओं ने लगाया देह व्यापार के लिए मजबूर किए जाने का आरोप, मानवाधिकार आयोग को लिखा पत्र 

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Highlightsपटना की नेत्रहीन छात्राओं पर देह व्यापार के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है.पटना विश्‍वविद्यालय के नेत्रहीन छात्रावास में रहने वाले दिव्यांग छात्रा सर्वजीत भाटिया एवं अन्य ने मानवाधिकार आयोग से ये शिकायत की है. 

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित शेल्‍टर होम में बड़े पैमाने पर लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण का मामला अभी बहुत पुराना भी नहीं पड़ा था कि अब पटना की नेत्रहीन छात्राओं पर देह व्यापार के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आ गया है. पटना विश्‍वविद्यालय के नेत्रहीन छात्रावास में रहने वाले दिव्यांग छात्रा सर्वजीत भाटिया एवं अन्य ने मानवाधिकार आयोग से ये शिकायत की है. 

स्थानीय थाने में फरियाद नहीं सुने जाने के बाद छात्रों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (नई दिल्ली) और राज्य मानवाधिकार आयोग (पटना) के पास अलग-अलग शिकायत कर यह आरोप लगाया है कि नेत्रहीन छात्राओं को देह व्यापार के लिए भी मजबूर किया जाता है. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने पटना के जिलाधिकारी से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. मामले की सुनवाई आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष उज्ज्वल कुमार दुबे के स्तर से की जा रही है. 

बताया जाता है कि एक स्वयंसेवी संस्था 'नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड' (बिहार) पटना के विभिन्‍न इलाकों में नेत्रहीन छात्राओं के छात्रावास संचालित करती है. इस संस्‍था को नेत्रहीन छात्र-छात्राओं के छात्रावासों की देखरेख का जिम्मा दिया गया था. 

छात्राओं ने अपने आवेदन में कहा है कि उन्हें विपरीत हालात में रहना पड़ रहा है. उन्‍होंने आरोप लगाया है कि संस्‍था की संचालिका अनुदान के पैसे को अपने पास रखकर नेत्रहीन विद्यार्थियों का शारीरिक व मानसिक शोषण करती हैं तथा नेत्रहीन छात्राओं को देह व्यापार के लिए भी मजबूर किया जाता है. 

इन नेत्रहीन छात्राओं को स्‍वयंसेवी संस्‍था के तहत पटना में संचालित विभिन्‍न नेत्रहीन छात्राओं के छात्रावासों की देखरेख का जिम्मा दिया गया था. राज्य सरकार की ओर से इसके लिए संस्था को भुगतान भी किया जाता है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकायत मिलने पर राज्‍य मानवाधिकार आयोग ने मामले की जांच का जिम्मा पटना के जिलाधिकारी को दिया है. इसके बाद जिला सामाजिक कोषांग पटना के सदर की कार्यपालक दंडाधिकारी नीलू पॉल ने स्थल जांच के बाद आरोपों की पुष्टि की.

नीलू पॉल की रिपोर्ट के मुताबिक छात्रावास की स्थिति काफी दयनीय है. वहां 20 से 25 छात्र रहते हैं. एक नेत्रहीन छात्र विद्यानंद पासवान के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि संचालिका नेत्रहीन छात्राओं को अपमानित करती हैं एवं गलत काम करने के लिए दबाव डालती हैं. इसके लिए उन्हें डराया-धमकाया भी जाता है. यह मामला 2017 का बताया जा रहा है. 

इस मामले की सुनवाई करते हुए मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष उज्ज्वल कुमार दुबे ने पटना के जिलाधिकारी से कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. यह भी पूछा है कि नीलू पॉल की रिपोर्ट पर अबतक क्या कार्रवाई हुई? साथ ही समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव एवं पटना विश्वविद्यालय के कुलसचिव को निर्देशित किया गया कि परिसर स्थित नेत्रहीन छात्रावास की व्यवस्था सुधारें तथा छात्रों की देखभाल के लिए नामित संस्था को अबतक दिए गए अनुदान एवं उसके उपयोगिता प्रमाण पत्र की जांच करें.

Web Title: Blind girl students of Patna University alleged of being forced into prostitution

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