भाजपा कार्यकर्ताओं को एक नेता के शव के साथ ममता के आवास के पास प्रदर्शन करने से रोका गया
By भाषा | Updated: September 23, 2021 21:37 IST2021-09-23T21:37:11+5:302021-09-23T21:37:11+5:30

भाजपा कार्यकर्ताओं को एक नेता के शव के साथ ममता के आवास के पास प्रदर्शन करने से रोका गया
कोलकाता, 23 सितंबर शहर के कालीघाट इलाके में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के पास भाजपा कार्यकर्ताओं को एक नेता के शव के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोक दिया गया, जिसके बाद उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का नेतृत्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि मागराहाट पश्चिम सीट से विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले धुरजाती साहा पर मतगणना के दिन दो मई को कथित तौर पर हमला किया गया था। बुधवार को यहां एक निजी नर्सिंग होम में उनकी मृत्यु हो गई।
भाजपा नेताओं का दावा है कि सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने साहा पर हमला किया था। उनके परिवार के सदस्यों ने मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक साहा के अंतिम संस्कार के लिए भाजपा कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय से एक शवदाह गृह जा रहे थे, तभी फूलों से सजा शव वाहन अचानक रास्ता बदल कर हरीश चटर्जी स्ट्रीट से गुजरने लगा, जो आगामी विधानसभा उपचुनाव वाले भवानीपुर क्षेत्र में पड़ता है और जहां मुख्यमंत्री का आवास भी है।
पुलिसकर्मियों ने शव वाहन को रोकने के लिए घेराबंदी की और अवरोधक लगा दिये, जिसके चलते चालक वाहन का दिशा बदलने को मजबूर हो गया। मजूमदार को वाहन के पीछे जाते देखा गया। वह फिर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के आवास के सामने बीच सड़क पर बैठ गये और उनके समर्थक सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
पुलिस के साथ संक्षिप्त झड़प के बाद भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश प्रमुख और उनके समर्थकों को वहां से हटा दिया गया।
बाद में, उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देखिये किस तरह से पुलिस ने मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रदेश प्रमुख के साथ मारपीट की है। ’’
भाजपा सांसद अर्जुन सिंह और भवानीपुर उपचुनाव में पार्टी की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल भी पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आईं।
विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के उप मुख्य सचेतक तापस रॉय ने कालीघाट की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि मजूमदार उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में गड़बड़ी पैदा करना चाहते थे।
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