पश्चिम बंगाल में भाजपा की ये चुनावी नीतियां ममता बनर्जी के लिए चुनौती बन सकती हैं!
By विकास कुमार | Published: January 28, 2019 05:23 PM2019-01-28T17:23:03+5:302019-01-28T17:29:47+5:30
ममता बनर्जी भी अपने खिलाफ बीजेपी के सियासी बजिगारियों को समझ चुकी हैं इसलिए उन्होंने हाल ही में कोलकाता में महागठबंधन समागम बुलाया था. लोकसभा चुनाव से पहले अपने पॉलिटिकल परसेप्शन को मजबूत करने का खेल चल रहा है जिसमें सभी पार्टियां अपने सारे संसाधन को दांव पर लगा रही हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की पूरी नजर इस बार नार्थईस्ट, बंगाल और दक्षिण के राज्यों में पार्टी को मजबूत करने पर जुट गया है. हाल ही में भारत रत्न के लिए जिन तीन नामों का एलान किया गया उसमें बंगाल से आने वाले कांग्रेस के कद्दावर नेता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, असम के लोक गायक भूपेन हजारिका और जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयं सेवक के वैचारिक गुरु नानाजी देशमुख का एलान किया गया है. इस एलान के पीछे के राजनीतिक मकसद को अगर देखा जाये तो संदेश साफ है कि इस बार बंगाल में ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ें वाली हैं.
बंगाली अस्मिता का प्रवाह
नरेन्द्र मोदी कई बार प्रणव दा के राजनीतिक व्यक्तित्व को बंगाल की राष्ट्रीय अस्मिता से जोड़ चुके हैं. बंगाल में ममता बनर्जी को चौतरफा घेरने के लिए चुनाव से 100 दिन पहले चुनावी सर्जरी की शुरुआत हो चुकी है. अमित शाह ने हाल ही में मालदा की रैली में नागरिकता संशोधन बिल का जिक्र किया था और कहा था कि ममता बनर्जी की सरकार घुसपैठियों की सरकार है.
अमित शाह का हिन्दू राष्ट्रवाद
उन्होंने इसके साथ ही दुर्गा पूजा में मूर्ति विसर्जन का मुद्दा भी उठाया था और कहा था कि ममता राज में हिन्दुओं को अपना त्योहार भी नहीं मनाने दिया जा रहा है. नरेन्द्र मोदी बंगाली अस्मिता और अमित शाह हिन्दू राष्ट्रवाद को जगा रहे हैं जिसके जरिये बंगाल में 23 सीटें जीतने का दावा किया जा रहा है. हिंदी हार्टलैंड में चुनावी हार के बाद बीजेपी की नजर अब बंगाल, ओडिशा,असम और दक्षिण के राज्यों पर है ताकि उत्तर भारत की राजनीतिक नुकसान को पूरा किया जा सके.
भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी को इस बार पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का विकल्प के रूप में दिखना होगा क्योंकि ममता के राजनीतिक दबदबे को बंगाल में उखाड़ना आसान काम नहीं होगा. लेकिन अमित शाह और बंगाल बीजेपी ने भी इस बार अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अभिनेत्री मौसमी चटर्जी ने भाजपा ज्वाइन किया है और बीजेपी भी कई बंगाली हस्तियों को अपने साथ जोड़ने का काम कर रही है. सौरव गांगुली को भी पार्टी से जोड़ने की बात चल रही है.
ममता बनर्जी भी अपने खिलाफ बीजेपी के सियासी बजिगारियों को समझ चुकी हैं इसलिए उन्होंने हाल ही में कोलकाता में महागठबंधन समागम बुलाया था. लोकसभा चुनाव से पहले अपने पॉलिटिकल परसेप्शन को मजबूत करने का खेल चल रहा है जिसमें सभी पार्टियां अपने सारे संसाधन को दांव पर लगा रही हैं.