बीजेपी ने किए थे 2014 महाराष्ट्र, हरियाणा विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा खर्च, जानिए कितने करोड़ रुपये
By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 11, 2019 08:34 AM2019-10-11T08:34:18+5:302019-10-11T08:34:18+5:30
Bharatiya Janata Party (BJP): एक रिपोर्ट में सामने आया है कि 2014 महाराष्ट्र, हरियाणा विधानसभा चुनावों में सर्वाधिक खर्च बीजेपी ने किया था
बीजेपी ने 2014 के हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा प्रचार, यात्रा, विविध खर्चों और उम्मीदवारों को एकमुश्त राशि पर किए गए कुल खर्च का 60 फीसदी से ज्यादा अकेले किया था। ये बात असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मम्स (ADR) की एक रिपोर्ट में सामने आई है।
एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक, इन दो चुनावों में सभी पार्टियों द्वारा किया गया कुल खर्च 362.87 करोड़ रुपये था।
बीजेपी ने किए 2014 महाराष्ट्र-हरियाणा चुनावों में सर्वाधिक खर्च
इन चुनावों में 226.82 करोड़ रुपये के खर्च के साथ बीजेपी पहले, जबकि 63.31 करोड़ रुपये के कुल खर्च के साथ कांग्रेस दूसरे स्थान पर है।
सभी पार्टियों द्वारा किए गए कुल 362.87 करोड़ रुपये के खर्च में से 280.72 करोड़ रुपये (77.36 प्रतिशत) प्रचार पर खर्च किया गया, इसके बाद 41.40 करोड़ के साथ यात्रा खर्च का नंबर है।
एडीआर ने कहा, बीजेपी ने सबसे ज्यादा 186.39 करोड़ रुपये खर्च किए, जो प्रचार पर सभी पार्टियों द्वारा किए गए कुल खर्च का 66.40 फीसदी है। वहीं राजनीतिक पार्टियों के बीच बीजेपी ने सर्वाधिक 296.74 करोड़ रुपये का फंड्स इकट्ठा किया।
बीजेपी ने जुटाया सबसे ज्यादा फंड, कांग्रेस दूसरे नंबर पर
रिपोर्ट के मुताबिक, 'बीजेपी द्वारा एकत्र किए गए कुल फंड्स में से केंद्रीय मुख्यालय को 58.69 फीसदी (174.159) मिला, जबकि महाराष्ट्र इकाई को 122.28 करोड़ और हरियाण इकाई को 0.303 करोड़ रुपये मिले।'
फंड जुटाने के मामले में 84.37 करोड़ रुपये के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही।
रिपोर्ट के मुताबिक, 'इनमें से केंद्रीय मुख्यालय को 16.55 करोड़ रुपये जबकि महाराष्ट्र इकाई को 62.74 करोड़ रुपये (74.36 फीसदी) और हरियाणा इकाई को 5.083 करोड़ रुपये मिले।'
वहीं सभी राजनीतिक दलों को अपने केंद्रीय मुख्यालयों और राज्य इकाइयों के लिए कुल 464.55 करोड़ रुपये के फंड्स मिले।
फंड कलेक्शन के लिए कैश नहीं, चेक/डीडी पर भरोसा
फंड्स कलेक्शन के लिए सबसे पसंदीदा माध्यम चेक/डीडी रहा, जिससे पार्टियों ने केंद्रीय और राज्य स्तर दोनों पर 323.66 करोड़ रुपये (69.67 फीसदी) के फंड्स एकत्र किए। पार्टियों द्वारा फंड्स एकत्र करने और पैसा खर्च करने दोनों में ही कैश का सबसे कम इस्तेमाल किया गया। इन दोनों चीजों के लिए कैश का योगदान कुल एकत्र किए गए फंड्स का महज 30 फीसदी (140.61 करोड़) ही रहा और कुल खर्च का केवल सात फीसदी ही कैश के रूप में किया गया।
खर्च के रूप में राजनीतिक पार्टियों के केंद्रीय मुख्यालयों ने अधिकतम (204.10 करोड़) रुपये खर्च किए, जिसके बाद महाराष्ट्र इकाई का नंबर रहा (136.69 करोड़ रुपये)।
रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा राज्य इकाई ने चुनावों में 16.42 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि हरियाणा राज्य इकाई ने कुल 12.46 करोड़ रुपये के फंड्स जुटाए। इस रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य स्तर पर महाराष्ट्र ने हरियाणा के मुकाबले 732 फीसदी ज्यादा खर्च किया।
जेडीएस, आरएलडी ने नहीं दिया चुनावी खर्च का विवरण
एडीआएर के मुताबिक जेडीएस और आरएलडी के चुनावी खर्च का विवरण सार्वजनिक डोमेन में इन चुनावों के 4 साल और 9 महीने बाद भी उपलब्ध नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक, साथ ही तीन राष्ट्रीय पार्टियों, कांग्रेस, सीपीआई और बीजेपी ने 2014 महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए अपने चुनावी खर्च की रिपोर्ट देने में क्रमश: 181 दिन, 197 दिन और 198 दिनों की देरी की।
बीजेपी 2014 में इन दोनों राज्यों में सत्ता में आई थी। इन दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं।