हार्दिक के ऑफर में कितना दम, क्या है नितिन पटेल का इतिहास?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: December 30, 2017 12:54 PM2017-12-30T12:54:52+5:302017-12-30T13:33:07+5:30
नई सरकार में अहम मंत्रालय छिन जाने से नितिन पटेल नाराज हो गए हैं। उन्होंने ने इस्तीफा देने की भी धमकी दी है।
गुजरात में छठी बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनी तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। यह सरकार बीजेपी के कितनी महत्वपूर्ण है यह संसदीय समिति की बैठक में पीएम मोदी के भरे गले और मतगणना के दिन संसद में दाखिल होने से पहले मीडिया को विक्ट्री साइन दिखाने से लगाया जा सकता है। ऐसे में हार्दिक पटेल के ऑफर, 'नितिन पटेल आप बीजेपी छोड़ 10 विधायक लेकर हमारे पास आ जाइए, आपको कांग्रेस से बात कर के हम बेहतर पद दिला देंगे' में कितना दम है, इसे जानने के लिए एक बार हमें नितिन पटेल को जानना होगा।
If Gujarat Deputy CM #NitinPatel along with 10 MLAs is ready to leave BJP, then will talk to Congress to get him a good position. If BJP does not respect him, he should leave the party: Hardik Patel in Gujarat's Sarangpur pic.twitter.com/cFlORE7Yqu
— ANI (@ANI) December 30, 2017
नितिन पटेल का बीजेपी से नाता गाढ़ा, कांग्रेस को बताया था मूर्ख
-नितिन बीजेपी में पिछले 30 सालों से वह वहां के दिग्गज नेताओं में से एक हैं। 1995 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ने वाले नितिन पटेल पिछले 30 सालों से बीजेपी के सदस्य हैं। साथ ही राज्य में बीजेपी की हर सफल सरकार का हिस्सा रह चुके हैं।
-स्वच्छ छवि वाले नितिन पटेल को साल 1990 से विधायक रहने का अनुभव है, बतौर मंत्री 15 साल का अनुभव है। मौजूदा नाराजगी से पहले उन्हें कभी पार्टी के फैसलों पर कोई आपत्ति नहीं रही।
-पटेल आंदोलन के दौरान सरकार की तरफ से बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी।
-अमित शाह और पीएम मोदी के नितिन बेहद करीबी और विश्वासी माने जाते हैं। वह लगातार कांग्रेस के विरोध में मुखर रहे हैं।
-नितिन पटेल कांग्रेस और हार्दिक पर निशाना साधते रहे हैं। कांग्रेस और हार्दिक पर ने तंज कसते हुए उन्होंने कहा था, 'मूर्ख ने दरख्वास्त दी और मूर्ख ने दरख्वास्त मानी और दूसरे को मूर्ख बोलते हैं।'
नई सरकार में कुछ अहम व पुराने मंत्रालय छिन जाने से नितिन पटेल नाराज हैं। उन्होंने अभी तक अपना कार्यभार नहीं संभाला है। आनंदीबेन पटेल की सीएम कुर्सी छोड़ने के बाद से ही वह खुद को गुजरात के प्रमुख नेता के तौर पर देख रहे हैं। लेकिन विजय रूपाणी सरकार में उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद संतोष कर लिया था। पर अब कुछ मंत्रालय छिनने से वह नाराज हैं।
ऐसे में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की बैठक में हार्दिक के बयान कि वे नितिन पटेल के लिए कांग्रेस पार्टी से बात करेंगे ताकि उन्हें सही जगह मिले और उनके साख पर कोई सवाल ना उठे। हार्दिक के भाईचारा, 'अगर नितिन भाई 10 विधायकों के संग बीजेपी छोड़ने को तैयार हो जाते हैं, तो हम कांग्रेस में उन्हें उपयुक्त पद देने की बात करेंगे।' का नितिन पर असर पड़ेगा इसके आसार कम दिखाई पड़ते हैं। अव्वल तो राजनीति, क्रिकेट से भी ज्यादा अनिश्चितताओं का खेल हो गया है। पर नितिन का इतिहास, हार्दिक के ऑफर को स्वीकार करने वाले दिखाई नहीं देते।