जम्मू कश्मीर सरकार के लिए आज का दिन बेहद अहम रहा है। यहां पीडीपी के साथ बीजेपी गठबंधन से अलग हो गई है जिसकी वजह से मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सरकार अल्पमत में आ गई है। जिस कारण से आज वह शाम तक अपना इस्तीफा भी पेश कर सकती हैं।
आज बीजेपी नेता राममाधव ने गठबंधन से अलग होने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हमने तीन साल पहले जो सरकार बनाई थी, जिन उद्देश्यों को लेकर बनाई थी, उनकी पूर्ति की दिशा में हम कितने सफल हो पा रहे हैं, उस पर विस्तृत चर्चा हुई।
-कहा जाता है कि बीजेपी महासचिव राम माधव से मिलकर हसीब दराबू ने बीजेपी और पीडीपी गठबंधन सरकार की नीव रखी थी।
-पिछले एक साल में जिस तरह से आतंकवादियों के एनकाउंटर को लेकर, मेजर आदित्य मामले या इसी तरह के अन्य मामलों में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती या पीडीपी के नेताओ के बयान आये हैं उससे बीजेपी पहले से ही आहत थी।
-कठुआ गैंगरेप के बाद जम्मू-कश्मीर की गठबंधन सरकार में शामिल भाजपा नेता सिंह और चंदर प्रकाश गंगा ने मामले में 13 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया था, उन्होंने कहा था कि करीब 15 दिन पहले प्रवास के कारण उत्पन्न हुई स्थिति का शांत करने के लिए यह कदम उठाया गया।
-हाल ही में बीजेपी की ओर से कहा गया था कि आज जो हालात राज्य में बने हैं, जिसमें एक भारी मात्रा में आतंकवाद और हिंसा बढ़ गई।उग्रवाद बढ़ रहा है, नागरिकों के मौलिक अधिकार और बोलने की आज़ादी ख़तरे में पड़ गए हैं।
-केद्र सरकार ने दो दिन पहले ही जम्मू कश्मीर में घोषित एकतरफा संघर्षविराम को और आगे नहीं बढ़ाने का फ़ैसला किया था. यह संघर्षविराम रमज़ान के महीने के दौरान राज्य में 16 मई को घोषित किया गया था। इसी दौरान एक पत्रकार और जवान की आतंकियों ने हत्या की थी।
- जम्मू कश्मीर विधानसभा में कुल 87 सीटें हैं. मौजूदा विधानसभा में महबूबा मुफ़्ती की पीडीपी के कुल 28 विधायक हैं।
-बीजेपी 25 सीटों के साथ दूसरे पायदान पर है, उमर अब्दुल्लाह की नेशनल कांफ्रेंस 15 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि कांग्रेस 12 सीटों के साथ चौथे स्थान पर है।