भाजपा सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वक्फ बोर्ड के 'अवैध कब्जों' पर कार्रवाई की मांग की

By भाषा | Published: May 19, 2021 05:36 PM2021-05-19T17:36:45+5:302021-05-19T17:36:45+5:30

BJP MP wrote a letter to the Chief Minister demanding action against the 'illegal occupations' of the Waqf Board | भाजपा सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वक्फ बोर्ड के 'अवैध कब्जों' पर कार्रवाई की मांग की

भाजपा सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वक्फ बोर्ड के 'अवैध कब्जों' पर कार्रवाई की मांग की

लखनऊ, 19 मई उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से भाजपा सांसद उपेंद्र रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा विभिन्न जिलों में सरकारी जमीनों को कथित तौर पर अवैध कब्जा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

रावत ने जिले की रामसनेहीघाट तहसील के आवासीय परिसर में बने 'अवैध भवन' को प्रशासन द्वारा हटाए जाने की कार्रवाई का समर्थन भी किया।

सांसद ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि प्रदेश के कई जिलों में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से सरकारी जमीनों पर पंजीकरण कर कब्जा किया गया है।

उन्होंने पत्र में कहा कि बाराबंकी में भी तहसील रामसनेहीघाट के अंतर्गत ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें जांच के बाद कार्रवाई की गई है।

रावत ने पत्र में मांग की "मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा मस्जिद के नाम से पूर्व में किए गए अवैधानिक कब्जों की जांच कर वक्फ बोर्ड के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।"

भाजपा सांसद ने 'भाषा' से बातचीत में दावा किया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड रामसनेहीघाट तहसील के आवासीय परिसर में बनी मस्जिद को 100 साल पुरानी बता रहा है, लेकिन बोर्ड के दस्तावेज के अनुसार वक्फ की संपत्ति के रूप में उसका पंजीयन वर्ष 2018 में किया गया। अगर मस्जिद इतनी पुरानी थी, तो उसका पंजीकरण इतनी देर से क्यों किया गया।

रावत ने जिला प्रशासन द्वारा रामसनेहीघाट तहसील के आवासीय परिसर में विवादित भवन को ढहाए जाने की कार्रवाई का समर्थन किया।

इस बीच, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार है।

बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी ने कहा कि बोर्ड एक सार्वजनिक संस्था है और सरकार जैसे चाहे जांच कर ले।

इस सवाल पर कि क्या रामसनेहीघाट तहसील के आवासीय परिसर में स्थित मस्जिद का पंजीकरण वर्ष 2018 में किया गया है, फारुकी ने बताया कि इस इबादतगाह का पंजीकरण वर्ष 1968 में हुआ था।

गौरतलब है कि रामसनेहीघाट तहसील के आवासीय परिसर में स्थित मस्जिद और उससे सटे कमरों को तहसील प्रशासन ने 17 मई की शाम को ढहाकर उसका मलबा जगह-जगह फिकवा दिया। प्रशासन ने ढहाए गए भवन और मस्जिद को 'अवैध आवासीय परिसर' करार देते हुए कहा कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसकी न्यायिक जांच की मांग की है। वक्फ बोर्ड प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर करने की तैयारी कर रहा है।

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Web Title: BJP MP wrote a letter to the Chief Minister demanding action against the 'illegal occupations' of the Waqf Board

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