Varun Gandhi: यूक्रेन से लौटे छात्रों को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कही बड़ी बात
By रुस्तम राणा | Published: March 6, 2022 03:17 PM2022-03-06T15:17:16+5:302022-03-06T15:19:19+5:30
रविवार को वरुण गांधी ने ट्विटर यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें उन छात्रों के साथ हमें (सरकार को) क्या करना चाहिए इसकी नसीहत दी गई है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी अपनी सरकार को किसी न किसी मुद्दे पर घेरते हुए नजर आते हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर बीजेपी सांसद ने अपनी सरकार पर सवाल उठाए थे। रविवार को वरुण गांधी ने ट्विटर यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें उन छात्रों के साथ हमें (सरकार को) क्या करना चाहिए इसकी नसीहत दी गई है।
भाजपा सांसद ने ट्विटर पर लिखा, 'यूक्रेन विवाद ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है। एक तरफ युद्धभूमि की कड़वी स्मृतियाँ हैं और दूसरी तरफ अधर में लटका हुआ भविष्य। हमें नियमों को शिथिल कर भारतीय संस्थानों में इन छात्रों का समायोजन करना होगा। उनकी और उनके अभिभावकों की चिंता, हमारी चिंता होनी चाहिए।'
यूक्रेन विवाद ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) March 6, 2022
एक तरफ युद्धभूमि की कड़वी स्मृतियाँ हैं और दूसरी तरफ अधर में लटका हुआ भविष्य।
हमें नियमों को शिथिल कर भारतीय संस्थानों में इन छात्रों का समायोजन करना होगा।
उनकी और उनके अभिभावकों की चिंता, हमारी चिंता होनी चाहिए।
इससे पहले उन्होंने 28 फरवरी को ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने अपनी सरकार को घेरते हुए लिखा था,' सही समय पर सही फैसले न लिए जाने के कारण 15 हजार से अधिक छात्र भारी अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धभूमि में फंसे हुए है। ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है। हर आपदा में ‘अवसर’ नही खोजना चाहिए।' अपने इस ट्वीट के साथ वरुण गांधी ने एक छात्रा का वीडियो भी शेयर किया
भाजपा सांसद लगातार अपनी सरकार पर सवाल खड़े करते हैं। बीते चार मार्च को ही उन्होंने ट्विटर पर, एक न्यूज चैनल का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, सेना और अर्धसैनिक बलों में भर्ती न आने के कारण पाँवों में छाले लिए 3 सालों से दौड़ रहे युवा हताश हैं। बढ़ती उम्र के कारण अयोग्य हो रहे इन युवाओं को आर्थिक तंगी अवसादग्रस्त बना रही है। ‘राष्ट्रसेवा’ का संकल्प लेने वाले इन युवाओं की आवाज ‘राष्ट्रवादी सरकार’ तक पहुंचनी चाहिए।