"2000 रुपये के नोट का मतलब काला धन", भाजपा सांसद सुशील मोदी ने संसद में की इसे खत्म करने की मांग
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 12, 2022 04:59 PM2022-12-12T16:59:45+5:302022-12-12T17:05:43+5:30
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में कहा कि आज की तारीख में 2000 रुपये का नोट 'काला धन' और जमाखोरी का जड़ बन गया है। इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से बैन कर देना चाहिए।
दिल्ली: भाजपा सांसद सुशील मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी के बाद बाजार में नये नोट के तौर पर उतारे गये 2000 रुपये के नोट को मौजूदा वक्त में काला धन का मुख्य आधार बताते हुए मांग की है कि इसे फौरन चलन से बाहर करते हुए बैन कर देना चाहिए।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि आज की तारीख में 2000 रुपये का नोट 'काला धन' और जमाखोरी का जड़ बन गया है। उन्होंने कहा कि आज जब हम डिजिटल करेंसी के युग में हैं, तो इतने भारी मूल्य के नोट बाजार में चलाने का कोई विशेष आधार नहीं नजर आता है। इस नोट के खत्म होने से जमाखोरों और काले धन के अपराधियों पर सबसे प्रभावी अंकुश लगेगा।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी ने राज्यसभा में सार्वजनिक महत्व के मामलों पर चर्चा करते हुए कहा, "2000 रुपये का नोट आज के समय में काले धन जमाखोरी का प्रतीक बनता जा रहा है। अगर हमें काले धन को रोकना है तो तत्काल प्रभाव से हमें 2,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करना होगा और इस पर पावंदी लगानी होगी।"
यब बेहद दिलचस्प है कि सुशील मोदी उसी पार्टी भाजपा से आते हैं, जिसके कार्यकाल में 2000 रुपये के नोट चलन में लाये गये थे। मालूम हो कि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के समय प्रचलन में चल रहे 500 रुपये और 1000 रुपये के भारतीय करेंसी को अमान्य घोषित कर दिया था।
नोटबंदी के अगले दिन 9 नवंबर 2016 उन्होंने 500 रुपए और 2000 रुपये के नये नोटों को जारी किया था। वैसे इस संबंध में एक और जानकारी कुछ दिनों पहले सार्वजनिक हुई थी कि नोटंबदी के कुछ वर्षों के बाद ही भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई बंद कर दी थी, बावजूद उसके 2000 रुपये के नोट अब भी आधिकारिक रूप से चलन की मुद्रा में बने हुए हैं।