नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की भाजपा महासचिव लॉकेट चटर्जी ने एक ट्वीट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर जबरन वसूली का आरोप लगाया है। ट्वीट में भाजपा महासचिव ने एक मेल का स्नैपशॉट भी संलग्न किया है और कहा है कि एक व्यापारी कैसे जबरन वसूली का शिकार हुआ, इसका जीता जागता उदाहरण। चटर्जी ने कहा कि यह दिखाता है कि कैसे ममता बनर्जी अपने विधायक और पार्टी कार्यकर्ताओं की मदद से पश्चिम बंगाल में जबरन वसूली का उद्योग चला रही हैं। जो बंगाल के पिछड़ेपन की एक मुख्य वजह है!
चटर्जी ने कहा है कि उन्हें घटना के संदर्भ में कुछ 'सबूत' मिले हैं। राज्य में तोलाबाजी का धंधा लगातार चल रहा है।'' गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में तोलाबाजी को अक्सर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है, जिसको स्थानीय भाषा में मोटे तौर पर संगठित जबरन वसूली के रूप में समझा जाता है।
चटर्जी ने कहा, जब कोई व्यवसायी बंगाल में एक परियोजना शुरू करता है, तो टीएमसी सिंडिकेट बदले में अपने हिस्से के पैसे की मांग करता है। यह न केवल मेरे क्षेत्र हुगली बल्कि पूरे बंगाल का मामला है। मेल का स्नैपशॉट कथित तौर पर कोलकाता स्थित पूर्ति समूह के सदस्यों द्वारा भेजा गया था, जो दावा करते हैं कि उनके तीन कर्मचारियों का अपहरण कर लिया गया था।
इसी घटना का हवाला देते हुए उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "एक व्यवसायी जबरन वसूली का शिकार कैसे हुआ, इसका एक ज्वलंत उदाहरण। उसके कर्मचारियों का अपहरण हो गया! यह दिखाता है कि ममता बनर्जी अपने विधायकों पार्टी कैडर की मदद से कैसे पश्चिम बंगाल में जबरन वसूली का उद्योग चला रही हैं।
त्रिपुरा में निकाय चुनावों और गोवा में विधानसभा चुनावों से पहले, जहां टीएमसी चुनाव लड़ने की योजना बना रही है, चटर्जी ने पूछा, क्या ममता बनर्जी गोवा और त्रिपुरा में जबरन वसूली और लूट का एक ही कारोबार चलाएगी? उ्होंने कहा यह बंगाल में पिछले 10 साल से अभी भी चल रहा है। यहां कोई उद्योग नहीं आएगा। आप (ममता बनर्जी) झूठ बोल रहीं हैं कि उद्योग यहां आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक फर्म के सदस्यों से बात नहीं की है, लेकिन उन्होंने मेल में लिखा है कि उनसे 50,000 टी-शर्ट की मांग की है जिसकी कीमत 35 लाख रुपये है। वे क्यों देंगे?