MP में भी खड़ा हुआ सियासी तूफान, कांग्रेस ने दो BJP विधायक अज्ञात वास पर भेजे, कमलनाथ के साथ करेंगे डिनर
By रामदीप मिश्रा | Published: July 24, 2019 07:57 PM2019-07-24T19:57:00+5:302019-07-24T19:57:57+5:30
मध्य प्रदेश सियासी घमासानः बीजेपी विधायकों के मतदान करने के दावे के बाद प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि जिन विधायकों ने सरकार के पक्ष में मतदान किया है उनमें नारायण त्रिपाठी और शरद कौल शामिल हैं।
कर्नाटक की सरकार गिरने के बाद मध्यप्रदेश सरकार में सियासी घमासान शुरू हो गया है। यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बुधवार (24 जुलाई) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, विधानसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक के लिए हुए मतदान में सरकार के पक्ष में बीजेपी के दो विधायकों ने भी मतदान किया।
बीजेपी विधायकों के मतदान करने के दावे के बाद प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि जिन विधायकों ने सरकार के पक्ष में मतदान किया है उनमें नारायण त्रिपाठी और शरद कौल शामिल हैं।
समचार एजेंसी के अनुसार, मतदान के बाद बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल को कांग्रेस के लिए एक अज्ञात वास पर भेज दिया है। वे आज रात सीएम कमलनाथ के साथ डिनर करेंगे। इधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बीजेपी विधायकों के फर्जी हस्ताक्षर होने का दावा किया है।
Bhopal: The two BJP MLAs, Narayan Tripathi & Sharad Kaul, who voted in favour of Kamal Nath Govt during voting on criminal law(amendment) in Madhya Pradesh assembly today, have been sent to an undisclosed location by Congress. They will attend a dinner with CM Kamal Nath tonight. pic.twitter.com/1J30yv0zJF
— ANI (@ANI) July 24, 2019
आपको बता दें कि बुधवार को राज्य विधानसभा में सरकार की ओर से दंड विधि संशोधन विधेयक पेश किया गया। इस विधेयक पर चर्चा के बाद बसपा के संजीव सिंह संजू ने मतदान कराने की बात कही। इसके पहले बीजेपी यह चाह रही थी कि विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो जाए।
बसपा विधायक द्वारा जब मतदान की बात कही तो विधेयक के लिए मतदान कराया गया। मतदान में सरकार के पक्ष में 122 विधायकों ने मतदान किया और विधेयक पारित करा दिया। कमलनाथ सरकार में मंत्री औंकार सिंह मरकाम ने यह जानकारी देते हुए संवाददातों को बताया कि हम इन दोनों विधायकों को धन्यवाद देना चाहते हैं कि दोनों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया।
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि विधेयक के पक्ष में बीजेपी के दोनों विधायकों के फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। विंध्य क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा विधायक केदार शुक्ल ने भी यही आरोप लगाए हैं। विधेयक के पक्ष में मतदान के करने वाले दोनों बीजेपी विधायकों पूर्व में कांग्रेस के साथ रहे हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक हैं। इसके अलावा बसपा के 2, सपा के 1 और निर्दलीय 4 विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। इस तरह 121 विधायक कांग्रेस के पक्ष में हैं। वहीं बीजेपी के 109 विधायक हैं। मतदान में कांग्रेस की ओर से विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने हिस्सा नहीं लिया था। इस तरह से कांग्रेस की ओर से 120 विधायकों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया है, जबकि विधेयक के पक्ष में 122 मत मिले हैं।