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MP: विधानसभा की सदस्यता से बर्खास्त बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी ने खटखटाया सुप्रीम अदालत का दरवाजा, दायर की कैविएट

By भाषा | Updated: November 19, 2019 18:56 IST

भाजपा के बर्खास्त विधायक प्रहलाद लोधी को निचली अदालत द्वारा दो साल की सजा मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी।

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ठळक मुद्देभाजपा नेता ने शीर्ष अदालत में कैविएट दायर की। लोधी के वकील पुरूषेन्द्र कौरव ने बताया कि हमने उच्चतम न्यायालय में कैविएट दायर कर दी है।

भाजपा के बर्खास्त विधायक प्रहलाद लोधी को आपराधिक मामले में भोपाल की विशेष अदालत से मिली दो साल की सजा पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर किये जाने के मद्देनजर भाजपा नेता शीर्ष अदालत में कैविएट दायर की है। लोधी के वकील एवं मध्य प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव ने बताया, ‘‘हमने (एकतरफा आदेश से बचने के लिए) उच्चतम न्यायालय में कैविएट दायर कर दी है।’’

लोधी को निचली अदालत द्वारा दो साल की सजा मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी। लोधी को बर्खास्त करने को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा में जंग छिड़ी हुई है। वह पवई विधानसभा सीट से विधायक थे। मप्र उच्च न्यायालय ने सात नवंबर को प्रहलाद लोधी के मामले में सुनाये गये फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की।

मध्य प्रदेश सरकार की याचिका देने के मद्देनजर भाजपा नेता ने यह कदम उठाया है। मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर ने बताया, ‘‘हमें उम्मीद है कि एक या दो दिन में सुनवाई की तिथि मिल सकती है।’’ सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई कर रहे भोपाल के विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने 31 अक्टूबर को प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों को रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले सतना जिले की तहसील रैपुरा में पदस्थ तहसीलदार आर के वर्मा से 28 अगस्त 2014 को ग्राम मडवा के पास मारपीट और गालीगलोच करने के मामले में दोषी ठहराया था।

अदालत ने लोधी को दो साल की जेल और 3,500 रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। विशेष अदालत के निर्णय के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने दो नवंबर को लोधी की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी।

इसके बाद लोधी ने अपने को मिली दो साल की सजा पर रोक लगाये जाने की अपील करते हुए 4 नवंबर, को विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत ने उन्हें सात नवंबर को बड़ी राहत देते हुए निचली अदालत के फैसले पर सात जनवरी 2020 तक रोक लगाने के साथ-साथ उन्हें जमानत भी दे दी है।

भाजपा नेता लोधी को मिली दो साल की सजा पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाने के बाद से उनकी सदस्यता बहाल करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता लोधी की सदस्यता खत्म करने के निर्णय को सही ठहारा रहे है। उनका कहना है कि उच्च न्यायालय ने केवल लोधी को मिली दो साल की सजा पर रोक लगाई है और उसकी सदस्यता बहाली करने पर कोई फैसला नहीं दिया है। 

टॅग्स :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)सुप्रीम कोर्टमध्य प्रदेश
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