बंबई उच्च न्यायालय पहुंचे भाजपा नेता सोमैया, खुद पर हुए हमले की करवाना चाहते हैं सीबीआई जांच, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 28, 2022 07:45 PM2022-04-28T19:45:06+5:302022-04-28T19:46:20+5:30
मुंबई पुलिस ने सोमवार को शहर के पूर्व मेयर विश्वनाथ महादेश्वर सहित शिवसेना के चार सदस्यों को 23 अप्रैल को खार पुलिस थाने के बाहर भाजपा नेता किरीट सोमैया की कार पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
मुंबईः महाराष्ट्र के भाजपा नेता किरीट सोमैया ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करके पिछले सप्ताह उन पर हुए कथित हमले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने और घटना के संबंध में एक ‘‘फर्जी और हेरफेर वाली’’ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर मुंबई पुलिस के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया।
सोमैया ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा 23 अप्रैल को मुंबई के उपनगरीय खार पुलिस थाने के बाहर उन पर कथित तौर पर निर्दयता से हमला किया गया था। अर्जी में कहा गया है, ‘‘हमले के बाद, याचिकाकर्ता ने बांद्रा पुलिस के समक्ष प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया।
CM Udhhav Thackeray ke Gunda logo ko Police ne Khar Police Station par ekatha hone diya. Mai bahar nikla tab in Gunda logo ne Pathabaji ki, Car ka window glass meri side ka tuta, muze laga bhi hai. Police ke supervision me ye hamala @BJP4Indiapic.twitter.com/ixj0WMk915
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) April 23, 2022
याचिकाकर्ता का बयान विस्तृत तरीके से लेने के बाद, पुलिस निरीक्षक राजेश देवरे ने याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए विवरण में हेरफेर करके और एक फर्जी और हल्की प्राथमिकी दर्ज की तथा याचिकाकर्ता के हस्ताक्षर के बिना उसे (पुलिस वेबसाइट पर) अवैध रूप से अपलोड किया।’’
मुंबई से लोकसभा के पूर्व सांसद सोमैया ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शिवसेना के सदस्यों को बचाने के लिए ऐसा किया है। याचिका में कहा गया है कि मुंबई पुलिस का कृत्य दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों का घोर उल्लंघन है और साथ ही एक नागरिक के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘इसलिए, न्याय एवं निष्पक्षता और निष्पक्ष जांच के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के वास्ते याचिकाकर्ता के जीवन पर हमले से संबंधित जांच सीबीआई को हस्तांतरित की जानी चाहिए।’’ फरवरी के पहले सप्ताह में, सोमैया ने दावा किया था कि पुणे नगर निगम परिसर में ‘‘शिवसेना गुंडों’’ द्वारा उन तब ‘‘हमला’’ किया गया था, जब वह कोविड-19 अस्पतालों को चलाने के लिए अनुबंधों में अनियमितताओं के आरोपों के सिलसिले में वहां गए थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में दावा किया कि बांद्रा पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उन पर हमले को एक ‘‘मामूली’’ घटना के रूप में दिखाने के लिए हेरफेर किया गया है और ऐसा उस राजनीतिक दल के गुर्गों को बचाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया है जो वर्तमान में महाराष्ट्र पर शासन कर रहा है।
सोमैया ने दावा किया कि वह निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक-पति रवि राणा से मिलने खार पुलिस थाने गए थे, जिन्हें हनुमान चालीसा विवाद में गिरफ्तारी के बाद वहां ले जाया गया था। सोमैया ने आरोप लगाया कि थाने के बाहर शिवसैनिकों की अनियंत्रित भीड़ ने उन पर हमला किया।
भाजपा नेता ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह बांद्रा पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी और बांद्रा और खार पुलिस थानों के सीसीटीवी फुटेज के संबंध में कागजात मांगें और उक्त प्राथमिकी की पड़ताल करने के बाद उसे रद्द करे। उन्होंने अदालत से मामले की पूरी एवं निष्पक्ष जांच के लिए उसे सीबीआई को सौंपने या पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई की अदालत की निगरानी में जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया।
सोमैया ने "फर्जी और हेरफेर वाली प्राथमिकी" दर्ज करने और जांच करने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का राज्य सरकार को निर्देश देने का भी अनुरोध किया। मुंबई पुलिस ने सोमवार को शहर के पूर्व मेयर विश्वनाथ महादेश्वर सहित शिवसेना के चार सदस्यों को 23 अप्रैल को खार पुलिस थाने के बाहर सोमैया की कार पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर दंगा करने का आरोप लगाया गया था।