देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार आधी रात को लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक (CAB) पास करवा लिया। इस दौरान सदन में तीखी बहस हुई। लोकसभा से नागरिकता (संशोधन) विधेयक पास होने के बाद अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने व्हिप जारी की है और पार्टी के सभी सांसदों को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है।
समाचार एजेंसी के अनुसार, लोकसभा से नागरिकता (संशोधन) विधेयक पास होने के बाद बीजेपी ने देर रात व्हिप जारी की है। पार्टी ने अपने सभी सांसदों को राज्यसभा में 10 और 11 दिसंबर को मौजूद रहने के लिए कहा है।
इससे पहले आठ दिसंबर को बीजेपी ने अपने सभी लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी किया था कि नौ दिसम्बर से तीन दिनों तक सदन में मौजूद रहने के लिए कहा था।
विधेयक में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता के लिये आवेदन करने से नहीं वंचित करने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई ऐसा व्यक्ति नागरिकता प्रदान करने की सभी शर्तो को पूरा करता है तब अधिनियम के अधीन निर्धारित किये जाने वाला सक्षम प्राधिकारी, अधिनियम की धारा 5 या धारा 6 के अधीन ऐसे व्यक्तियों के आवेदन पर विचार करते समय उनके विरूद्ध अवैध प्रवासी के रूप में उनकी परिस्थिति या उनकी नागरिकता संबंधी विषय पर विचार नहीं करेगा।
भारतीय मूल के बहुत से व्यक्ति जिनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के उक्त अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्ति भी शामिल हैं, वे नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 के अधीन नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं। किंतु यदि वे अपने भारतीय मूल का सबूत देने में असमर्थ है, तो उन्हें उक्त अधिनियम की धारा 6 के तहत ‘‘देशीयकरण’’ द्वारा नागरिकता के लिये आवेदन करने को कहा जाता है। यह उनको बहुत से अवसरों एवं लाभों से वंचित करता है।