इस राज्य में खतरे में BJP सरकार!, मुख्यमंत्री से नाराज करीब एक दर्जन विधायक दिल्ली पहुंचे
By अनुराग आनंद | Published: October 12, 2020 03:35 PM2020-10-12T15:35:41+5:302020-10-12T15:35:41+5:30
दिल्ली पहुंचे विधायकों की मांग है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री को यथाशिघ्र पद से हटाया जाए। विधायकों ने दिल्ली में टॉप नेताओं से मुलाकात की है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं का ध्यान भले ही अभी बिहार विधानसभा चुनाव व मध्य प्रदेश उप चुनाव पर हो, लेकिन इसी बीच त्रिपुरा में भाजपा सरकार खतरे में दिख रही है।
इंडिया टुडे की मानें तो त्रिपुरा में सरकार बनाने के करीब ढाई साल बाद सीएम विप्लब कुमार देब को पार्टी के ही कुछ विधायकों के गुस्सा का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि करीब एक दर्जन भाजपा विधायक विप्लब देब से नाराज होकर दिल्ली पहुंच गए हैं।
इन सभी विधायकों की मांग है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से विप्लब देब को यथाशिघ्र हटाया जाए। टॉप नेताओं से बात करने के लिए सभी विधायक दिल्ली में ठहरे हुए हैं।
बता दें कि भाजपा के विद्रोही खेमे के विधायकों का नेतृत्व राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन कर रहे हैं। विद्रोही खेमे के अन्य लोगों में सुशांत चौधरी, आशीष साहा, रामप्रसाद पाल, दीबा चंद्र हरखावल, परिमल देब बर्मा, डीसी रांखवाल, अतुल देब बर्मा और बरब मोहन त्रिपुरा शामिल हैं।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, बागी विधायकों ने बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की। इसके अलावा, विद्रोही विधायकों के समूह को लेकर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन बीजेपी के महासचिव (संगठन) बी एल संतोष से भी मिले हैं।
भाजपा के बागियों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बिप्लब देब पार्टी की त्रिपुरा इकाई में एक तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं और उनकी सरकार 2018 के चुनाव में भाजपा द्वारा किए गए वादों को पूरा नहीं कर रही है।
दिल्ली पहुंचे विधायकों का कहना है कि बिप्लब कुमार देब के शासन के खिलाफ जनता के बीच गुस्सा है। इससे साफ है कि राज्य में एक बार फिर से वाम मोर्चा व कांग्रेस की वापसी के लिए माहौल तैयार हो रहा है। भाजपा ने 2018 में वाम मोर्चे को हराया था जिसने 25 साल तक राज्य में शासन किया था।