Himachal Pradesh Election: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कसी कमर, सौदान सिंह को बनाया चुनाव प्रभारी
By रुस्तम राणा | Published: August 25, 2022 03:53 PM2022-08-25T15:53:49+5:302022-08-25T15:56:49+5:30
सौदान सिंह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसी के साथ नड्डा ने देवेन्द्र सिंह राणा को चुनाव सह-प्रभारी बनाया है। भाजपा के दोनों नेताओं की यह सगठनात्मक नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
नई दिल्ली: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी कमर कस ली है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को सौदान सिंह आगामी हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रभाव नियुक्त किया है। सौदान सिंह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसी के साथ नड्डा ने देवेन्द्र सिंह राणा को चुनाव सह-प्रभारी बनाया है। भाजपा के दोनों नेताओं की यह सगठनात्मक नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को एक संगठनात्मक नियुक्ति पत्र जारी किया गया, जिसमें लिखा गया, "भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सौदान सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को हिमाचल प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रभाव एवं देवेन्द्र सिंह राणा को चुनाव सह-प्रभारी नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी"
हिमाचल प्रदेश में भाजपा तीन दशक से चले आ रहे हर बार सत्ता परिवर्तन के सिलसिले को तोड़ने की कवायद में जुटी है। पार्टी ने अपनी सरकार बररकार रखने के लिए पुख्ता रणनीति तैयार की है। दरअसल, बीते तीन दशकों से हर बार सत्ता बदलने वाले हिमाचल प्रदेश में भाजपा के सामने इस बार अपनी सरकार बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है। राज्य में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं।
Saudan Singh appointed as Chief election in-charge and Devender Singh Rana appointed as election co-in charge for the upcoming polls in Himachal Pradesh pic.twitter.com/15xe7KevjD
— ANI (@ANI) August 25, 2022
गौरलतब है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 68 सीटों में से 44 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि कांग्रेस को 21 मिली थीं तो माकपा को एक सीट से संतोष करना पड़ा था। जबकि दो सीटें निर्दलीय के हिस्से में आई थी। सत्ता परिवर्तन के इतिहास को देखते हुए कांग्रेस का आत्म-विश्वास बढ़ा हुआ है। वहीं इस बार आम आदमी पार्टी भी आगामी चुनाव में जोर भर रही है।