बिट्टू बजरंगी ने कहा, "नूंह में हमले के बाद महिलाओं को लेकर मंदिर में वापस न जाते तो दूसरा 'मणिपुर' हो जाता"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 3, 2023 09:23 AM2023-08-03T09:23:32+5:302023-08-03T09:32:34+5:30

नूंह में भड़के सांप्रदायिक हिंसा के लिए कथिततौर पर जिम्मेदार माने जा रहे बिट्टू बजरंगी ने यह माना है कि विहिप के धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले लोग हथियारों से लैसे थे।

Bittu Bajrangi said, "Had the women not taken back to the temple after the attack in Nuh, it would have become another 'Manipur'" | बिट्टू बजरंगी ने कहा, "नूंह में हमले के बाद महिलाओं को लेकर मंदिर में वापस न जाते तो दूसरा 'मणिपुर' हो जाता"

बिट्टू बजरंगी ने कहा, "नूंह में हमले के बाद महिलाओं को लेकर मंदिर में वापस न जाते तो दूसरा 'मणिपुर' हो जाता"

Highlightsनूंह हिंसा के कथित जिम्मेदार बिट्टू बजरंगी ने माना लोगों के पास हथियार और तलवारे थीं बजरंगी ने कहा कि हमले के बाद महिलाओं को न बचाते तो दूसरा 'मणिपुर' हो जाता बजरंगी ने कहा कि धार्मिक यात्रा में लाये गये हथियार हिंसा के लिए नहीं बल्कि पूजा के लिए थे

नयी दिल्ली:हरियाणा के नूंह में धार्मिक जुलूस निकालने के दौरान बीते सोमवार को भड़के सांप्रदायिक हिंसा के लिए कथिततौर पर जिम्मेदार माने जा रहे फरीदाबाद के गौरक्षक बिट्टू बजरंगी ने इस बात को स्वीकार किया है कि नूंह में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले लोग हथियारों से लैसे थे।

समाचार इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में बिट्टू बजरंगी ने कहा कि वो खुद 31 जुलाई को नूंह में हुई रैली में हिंसा का शिकार हुआ था। बजरंगी का कहना है कि नूंह में दूसरे पक्ष द्वारा बड़े पैमाने पर हिंसा की साजिश रची गई थी लेकिन उस हमले में वो बाल-बाल बच गया। इसके साथ ही उसने बेहद दिलचस्प तरीके से इस बात को भी माना कि नूंह की धामिक यात्रा में शामिल लोग वास्तव में हथियार लेकर आए थे, लेकिन इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि धार्मिक यात्रा में लाये गये हथियार हिंसा के लिए नहीं बल्कि पूजा के लिए थे।

बिट्टू बजरंगी ने हिंसा के लिए दूसरे पक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, "नूंह के धार्मिक आयोजन में हमने महिलाओं और बच्चों के साथ भाग लिया था। ऐसे में भला क्या हम किसी पर हमला कर सकते हैं? और यह रैली को हर साल शांतिपूर्वक निकाली जाती रही है। पहले तो कभी ऐसी हिंसा नहीं हुई।"

बिट्टू ने बीते सोमवार को नूंह में हुए हिंसक टकराव पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, "उस दिन मंदिर में पूजा के बाद हम सभी ने खाना खाया। उसके बाद कीर्तन का आयोजन किया गया था। यह सब समाप्त होने के बाद हम जैसे ही मंदिर से अपने-अपने घरों को लौटने के लिए निकले, हमने देखा कि हमारे सामने बसों में आग लगा दी गई थी। यह सब जहां हो रहा था, उसके पास में एक मस्जिद थी और गोलीबारी शुरू हो गई।"

उसने आगे कहा, "हमले की स्थिति को देखते हुए हमने यू टर्न लिया और वापस मंदिर की ओर वापस मंदिर में चले गए क्योंकि हमें लग रहा था कि मंदिर में हमें घेरा नहीं जाएगा क्योंकि उसके पीछे पहाड़ हैं। हम गोलाबारी के बीच महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे कि नूंह में कहीं दूसरा 'मणिपुर' न हो जाए।"

धार्मिक यात्रा में हथियारों के उग्र प्रदर्शन पर बिट्टू ने कहा, "रैली में जो भी बंदूकें ले जा रहा था, तो उनके पास लाइसेंस थे। जहां तक तलवारों का सवाल है तो उसका उद्देश्य पूजा के लिए था। ये तलवारें हमले के लिए नहीं हैं बल्कि शादी-विवाह के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली तलवारें थीं और अगर ऐसे सैकड़ों हथियार होते तो भला कोई भी ऐसा कर सकता था हमारे साथ। केवल कुछ लोगों के पास तलवारें थीं। हम अपने परिवारों के साथ वहां गए थे। ऐसे में क्या हम किसी पर हमला करेंगे?"

Web Title: Bittu Bajrangi said, "Had the women not taken back to the temple after the attack in Nuh, it would have become another 'Manipur'"

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