बिहार: गरीबों को नल का पानी योजना के 53 करोड़ के ठेके उपमुख्यमंत्री के परिजनों और सहयोगियों को मिले
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 22, 2021 02:07 PM2021-09-22T14:07:33+5:302021-09-22T16:09:11+5:30
हर घर नल का जल योजना का ठेका पाने वालों की सूची के शीर्ष में भाजपा विधायक दल के नेता और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के परिजन और सहयोगी शामिल हैं, जिन्हें इस योजना के तहत 53 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं मिलीं.
पटना: बिहार में गरीबों के लिए लायी गई हर घर नल का जल योजना से संबंधित 53 करोड़ रुपये के ठेके राज्य के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के परिजनों और यहयोगियों को मिले हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दस्तावेज दिखाते हैं कि 2019-20 में बिहार के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) ने कटिहार जिले के कम से कम नौ पंचायतों के कई वार्डों में पीने का पानी योजना के तहत 36 परियोजनाएं प्रसाद की बहू पूजा कुमारी, बहनोई प्रदीप कुमार भगत से जुड़ी दो कंपनियों और करीबी सहयोगियों प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार को बांटी.
बता दें कि, भाजपा विधायक दल के नेता और उपमुख्यमंत्री प्रसाद यहां से चार बार विधायक रहे हैं.
हालांकि, प्रसाद ने किसी तरह के राजनीतिक संरक्षण से इनकार किया है और कहा कि वह तब कटिहार से विधायक थे जबकि उपमुख्यमंत्री नवंबर, 2020 में बने हैं.
लेकिन प्रसाद ने चार वार्डों में अपनी बहू को ठेका मिलने की बात स्वीकार की और कहा कि उनका दो अन्य कंपनियों से कोई सीधा संबंध नहीं था, हालांकि उनके बहनोई उनमें से एक के निदेशक थे.
हालांकि, दस्तावेज उनके इन दावों पर भी सवाल उठाते हैं.
दरअसल, पांच साल पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर घर नल का जल योजना लॉन्च की थी, जिसका उद्देश्य गरीबों को उनके घरों में नल के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराना था.
योजना का निजी लाभ उठाने वालों में प्रसाद के अलावा राज्य में सत्ताधारी जदयू और भाजपा दोनों ही पार्टियों के प्रदेश स्तर के कई नेता शामिल हैं.
यह हाल तब है जब पिछले महीने अपने जल जीवन मिशन के तहत केंद्र ने बिहार के आंकड़ों को भी शामिल किया था, जिसका प्रदेश के जल मंत्री ने खंडन किया था.
वहीं, दो साल पहले केंद्र सरकार की सूची में जहां बिहार नीचे के पांच राज्यों (नल का पानी पाने वाले 1.84 फीसदी घर) में शामिल था, तो वहीं अब वह शीर्ष चार (86.96 फीसदी) में शामिल हो गया है.