बिहार: ओवैसी की पार्टी के एकमात्र विधायक पर लटकी सदस्यता खोने की तलवार, विधानसभा की कमेटी में लगा पार्टी का एजेंडा चलाने का आरोप
By एस पी सिन्हा | Published: July 31, 2022 04:45 PM2022-07-31T16:45:29+5:302022-07-31T16:50:56+5:30
बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के इकलौते विधायक अख्तरुल ईमान की जा सकती है विधानसभा की सदस्यता।
पटना: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का अस्तित्व बिहार विधानसभा में खत्म हो सकता है। पिछले दिनों एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे। इन विधायकों के राजद में शामिल होने के बाद पार्टी के इकलौते विधायक अख्तरुल ईमान ही सदन में बचे हैं लेकिन अब एआईएमआईएम के इकलौते बचे विधायक अख्तरुल ईमान पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
दरअसल, बिहार विधानसभा की अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सदस्य के तौर पर अख्तरुल इमान के ऊपर अपनी पार्टी का एजेंडा चलाने का आरोप लगा है। आरोप समिति के सभापति अफाक आलम ने लगाया है। इस संबंध में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से भी शिकायत की है।
अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सभापति अफाक आलम की तरफ से शिकायत मिलने के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामला आचार समिति को भेजने का फैसला किया है। अख्तरुल ईमान को सबसे पहले समिति से हटाया जा सकता है और उसके बाद आचार समिति अगर फैसला करती है तो उनकी सदस्यता तक जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार विधानसभा के अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सभापति आफाक आलम की अध्यक्षता में यह समिति 25 जुलाई से 4 अगस्त, 2022 तक राज्य में स्थल अध्ययन यात्रा पर गई थी। समिति की यात्रा अभी तीन जिलों हाजीपुर, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में ही हो पाई थी।
समिति को अभी दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार की यात्रा करनी थी लेकिन तीन जिलों की यात्रा के दौरान जहां-जहां कमेटी गई अख्तरुल ईमान ने कमेटी की बैठकों में अपनी पार्टी का एजेंडा और पार्टी के लोगों को बुलाकर बैठक को प्रभावित करने की कोशिश की।
पहले कमेटी के सभापति आलम ने उन्हें इससे मना किया, लेकिन कोई अंतर नहीं आया देख उन्होंने फोन कर इसकी शिकायत विधानसभाध्यक्ष विजय सिन्हा से की, साथ ही कमेटी की यात्रा भी स्थगित कर दी। इसके बाद आफाक आलम व अन्य सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष से उनके चैम्बर में मिलकर अख्तरुल ईमान के खिलाफ लिखित शिकायत करते हुए उन्हें कमेटी से हटाने की भी मांग की है।
वहीं, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि राज्य के विकास में विधानसभा की समितियों की भूमिका काफी अहम होती है। अगर इन समितियों के माध्यम से कोई भी सदस्य विकास में बाधा डालने की कोशिश करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विधानसभाध्यक्ष के मुताबिक संसदीय परंपराओं और नियमों की अवहेलना कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। ऐसे लोग तत्काल प्रभाव से समिति से तो हटाए ही जाएंगे तथा उन पर आचार समिति के माध्यम से गंभीरता के साथ कार्रवाई करने पर भी विचार किया जाएगा।