बिहार: आतंकी संगठनों के नापाक मंसूबों का हो रहा है खुलासा, मिशन था "इंडिया खत्म हो जाएगा, नबी का नाम हमेशा बुलंद रहेगा, इंशा अल्लाह"
By एस पी सिन्हा | Published: July 17, 2022 05:38 PM2022-07-17T17:38:00+5:302022-07-17T17:49:40+5:30
बिहार पुलिस के मुताबिक पटना के फुलवारी शरीफ ही नहीं राज्य के अलग-अलग हिस्सों में मार्शल आर्ट की आड़ में युवाओं को धार्मिक उन्माद फैलाने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी।
पटना:झारखंड में पिछले 4 साल से प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) बिहार से देश के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहा था। पटना के फुलवारी शरीफ ही नहीं राज्य के अलग-अलग हिस्सों में मार्शल आर्ट की आड़ में युवाओं को धार्मिक उन्माद फैलाने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दिया जा रहा था।
कथित तौर पर भटके हुए युवाओं के बीच उन्माद पैदा करने के लिए कथित तौर पर कहा जाता था कि "इंडिया खत्म हो जाएगा, मेरे नबी का नाम हमेशा बुलंद रहेगा, इंशा अल्लाह"। पुलिस की माने तो कुछ इस तरह के पोस्ट के माध्यम से युवाओं के बीच नफरत फैलाया जा रहा था। पटना से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर के मोबाइल फोन से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि झारखंड में प्रतिबंधित होने के बाद भी यह संगठन बिहार की राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में लगातार अपना विस्तार कर रहा था। झारखंड की पीएफआई यूनिट को पहले केरल से फंड आता था लेकिन अब झारखंड से ही बिहार, यूपी, बंगाल और केरल को भी फंड दिया जाता है।
झारखंड के खुफिया विभाग के एक बडे अधिकारी के मुताबिक संताल-परगना में ‘खनिज लूट’ में 25 फीसदी की राशि पीएफआई तक पहुंच रही है। पाकुड, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज के उदवा, पतना, बड़हरवा समेत कई इलाकों में संगठन को काफी फंड मिल रहा है। इसी फंड की बदौलत उत्तर बिहार में एक बार फिर आतंक का स्लिपर सेल तैयार किया जा रहा था।
बिहार पुलिस की माने तो पीएफआइ व एसडीपीआइ ने पूरे बिहार में अब तक करीब 20 हजार से अधिक युवकों को अपने संगठन से जोड़ लिया है। ये सभी संगठन के सक्रिय सदस्य हैं साथ ही करीब 10 हजार लोगों को मार्शल ट्रेनिंग व शारीरिक प्रशिक्षण देने के नाम पर ब्रेनवॉश किया जा चुका है। इसका खुलासा बेऊर जेल से रिमांड पर लिये गये पीएफआइ के अतहर परवेज व अरमान मलिक ने किया है।
दोनों ने पूछताछ में बताया कि पटना के फुलवारी शरीफ से पिछले 32 सालों से आतंकी गतिविधियां चलती रही हैं। संगठन से जुड़े लोग यहां रह कर कई तरह की आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण देते रहे हैं। देश के कई जगहों पर बम ब्लास्ट सहित बड़े-बड़े हादसों के लिए फुलवारी शरीफ का ही सहारा लिया जाता रहा है। इस मुहिम में कश्मीर, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और दूसरे इस्लामिक देशों के आतंकी संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
एटीएस की जांच में सामने आया है कि भारत विरोधी भड़काऊ पोस्ट "इंडिया खत्म हो जाएगा, मेरे नबी का नाम हमेशा बुलंद रहेगा, इंशा अल्लाह" को बाबर अली नाम के किसी शख्स ने लिखा था और इसे ताहिर ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। पिछले महीने 12 जून को ताहिर ने अपने फेसबुक अकाउंट से 'बायकॉट इंडिया' के नाम से एक भड़काउ पोस्ट भी किया था। जिसमें तिरंगे की एक फोटो भी लगा रखी थी और उस फोटो पर इसने क्रॉस का निशान भी बना दिया था।
सूत्रों के अनुसार 1990 में आईबी इंटेलिजेंस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने फुलवारी शरीफ को सुरक्षित संदिग्ध गतिविधियों का सेंटर बताया था। इसके बाद 2001 में दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर लड्डू मियां और उनकी पत्नी का पासपोर्ट पुलिस ने जब्त किया था। ये दोनों फुलवारी शरीफ में ही रह कर काम करते थे।
सूत्रों की मानें तो पीएफआई ने बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित युवकों की एक टीम को तैयार किया है, लेकिन प्रशिक्षित युवक अभी कहां हैं और क्या कर रहे हैं? इसकी जानकारी पुलिस लगाने में जुटी है। पुलिस के हाथ लगे दानिश के स्मार्ट फोन ने ऐसा राज खोला कि पुलिस की नींद उड़ गई है। ऐसी आशंका है कि 2016 से 2022 तक पाकिस्तान ने बिहार में बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया होगा।
पटना में दहशतगर्दी के नए मॉडल पर काम चल रहा था, लेकिन स्थानीय पुलिस से लेकर खुफिया तंत्र को भी इसकी एक भी कड़ी का पता नहीं चल सका है। ऐसे में पटना से आतंक के इंटरनेशनल कनेक्शन की जड़ें कितनी फैली हैं, इसका खुलासा पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। साल 2016 से पाकिस्तान के हाथों ऑपरेट हो रहे दानिश ने कितना बडा नेटवर्क खड़ा किया है, इसका खुलासा पुलिस की जांच में ही हो पाएगा। सूत्रों की मानें तो बिहार को सॉफ्ट टॉरगेट के रूप में चुना गया था और इसके लिए पटना के फुलवारी को सेफ जोन बनाया गया था।