बिहार में कोरोना के बाद चमकी बुखार ने मचाया हड़कंप, अब तक 10 बच्चों की हो चुकी है मौत
By एस पी सिन्हा | Published: July 23, 2021 04:22 PM2021-07-23T16:22:44+5:302021-07-23T16:26:09+5:30
सूबे में चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में पिछले दस दिनों में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है। मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच में अब तक 50 बच्चों में चमकी बुखार की पुष्टि हुई है। इनमें से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है।
पटनाः देश में कोरोना की रफ्तार थम सी गई है। ज्यादातर राज्यों में मामले में लगातार गिरावट जारी है। बिहार में भी कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। हालांकि कोरोना की रफ्तार थमने के बाद चमकी बुखार (एईएस) ने मुश्किलें बढा दी हैं। सूबे में चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में पिछले दस दिनों में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है। मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच में अब तक 50 बच्चों में चमकी बुखार की पुष्टि हुई है। इनमें से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 31 बच्चे स्वस्थ होकर लौट चुके हैं। दो बच्चों के अभिभावक इलाज के दौरान ही उसे लेकर चले गए थे। फिलहाल यहां सात बच्चों का इलाज चल रहा है।
बता दें कि उत्तर बिहार के कुछ जिलों में चमकी बुखार का कहर सबसे अधिक होता है। ऐसे में चमकी बुखार के बढते प्रकोप के बीच बिहार सरकार ने एईएस प्रभावित जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में सातों दिन चौबीस घंटे स्वास्थ्य सेवा प्रदान किए जाने का निर्देश दिया है, ताकि उक्त रोग से ग्रसित मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा सके। इसके तहत सभी डॉक्टरों को डेली दर्पण एप से हाजिरी लगाने का आदेश दिया गया है।
चमकी बुखार के बारे में जानिए
चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइट सिंड्रोम (एईएस) को दिमागी बुखार भी कहा जाता है। इस बीमारी में बच्चे के खून में शुगर और सोडियम की कमी हो जाती है और उचित इलाज नहीं होने पर मौत भी हो सकती है। यह बीमारी मुख्य रूप से तंत्रिका तंत्र के प्रभावित करती है और बहुत ज्यादा गर्मी और नमी के मौसम में यह तेजी से फैलती है। इसमें शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन, लो ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, थकान, लकवा, मिर्गी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।