बिहार: महागठबंधन सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
By रुस्तम राणा | Published: August 12, 2022 02:03 PM2022-08-12T14:03:52+5:302022-08-12T14:06:30+5:30
दरअसल, कांग्रेस ने महागठबंधन सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये जगजाहिर है कि महागठबंधन की सरकार की नींव तब रखी गई थी जब नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी को फोन किया था।
पटना: बिहार राज्य में नव गठित महागठबंधन की सरकार का बहुमत परीक्षण 24 अगस्त को होगा। फ्लोर टेस्ट से पहले राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। बहुमत परीक्षण और आगामी योजना को लेकर महागठबंधन में शामिल दोनों पार्टियों की प्रमुख बैठक शुक्रवार को होगी। बुधवार को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
दरअसल, कांग्रेस ने महागठबंधन सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये जगजाहिर है कि महागठबंधन की सरकार की नींव तब रखी गई थी जब नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी को फोन किया था। उस समय सोनिया गांधी कोविड से जूझ रही थीं। खबरों के मुताबिक नीतीश कुमार ने सोनिया से कहा था कि बीजेपी उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
नीतीश कुमार ने तेजस्वी से संपर्क किया, जिन्होंने तब राहुल गांधी से संपर्क किया। रिपोर्टों में कहा गया है कि राहुल गांधी तब पार्टी की राज्य इकाई के संपर्क में रहने के लिए सहमत हुए और इस तरह एनडीए गठबंधन को गिराने और नीतीश कुमार को शीर्ष पर रखने की पूरी पटकथा लिखी गई।
सीएम नीतीश कुमार और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष की टेलीफोन पर बातचीत जून के पहले सप्ताह में हुई थी। जद (यू) के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से बात करने के बाद एनडीए गठबंधन से बाहर निकलने का मन बना लिया था। यह उस समय हुआ जब नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव से भी संपर्क में थे।
एनडीए गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने के बाद, नीतीश कुमार ने कथित तौर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों से बात की और उनके समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। 243 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक हैं और उसे कैबिनेट में 4 बर्थ मिलने की संभावना है। गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राजद को सबसे ज्यादा सीटें मिलने की संभावना है।