बिहारः 87 साल बाद गांव में पहुंची ट्रेन, आजादी के पहले चलती थी, लोगों ने की पूजा, खुशी से झूम उठे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 14, 2021 04:10 PM2021-03-14T16:10:16+5:302021-03-14T16:11:34+5:30

बता दें कि वर्ष 1934 में आए बड़े भूकंप के कारण छोटी लाइन की पटरी ध्वस्त होने से निर्मली-सरायगढ़ के बीच ट्रेन सेवा बंद हो गई थी.

bihar supaul train started after 87 years nirmali route indian rail puja people | बिहारः 87 साल बाद गांव में पहुंची ट्रेन, आजादी के पहले चलती थी, लोगों ने की पूजा, खुशी से झूम उठे

जीएम ने कहा कि सहरसा से दरभंगा के बीच जल्द ही मालगाड़ी चलाई जाएगी.

Highlights 87 वर्षों के बाद क्षेत्र में रेल पटरियों पर रौनक लौटने वाली है. दो हिस्सों में बंटे मिथिलांचल के लोगों में देशभर की सीधी रेल सेवा से जुड़ने की उम्मीद जगी है. पूर्व मध्य रेल हाजीपुर के जीएम ललितचंद्र त्रिवेदी निरीक्षण के दौरान सुपौल पहुंचे.

पटनाः बिहार में दो हिस्सों में बंटे मिथिलांचल के लोगों का सपना आखिरकार अब पूरा होता दिखाई दे रहा है. इस क्षेत्र में 15 जनवरी 1934 के बाद लोग नई रेल लाइन पर यात्रा करने वाले हैं.

इस तरह 87 वर्षों के बाद क्षेत्र में रेल पटरियों पर रौनक लौटने वाली है. इससे दो हिस्सों में बंटे मिथिलांचल के लोगों में देशभर की सीधी रेल सेवा से जुड़ने की उम्मीद जगी है. बता दें कि वर्ष 1934 में आए बड़े भूकंप के कारण छोटी लाइन की पटरी ध्वस्त होने से निर्मली-सरायगढ़ के बीच ट्रेन सेवा बंद हो गई थी.

उसी समय से मिथिलांचल दो भागों में विभक्त है. पूर्व मध्य रेल हाजीपुर के जीएम ललितचंद्र त्रिवेदी निरीक्षण के दौरान सुपौल पहुंचे. इस दौरान सहरसा से सरायगढ़ तक रेलवे ट्रैक, ब्रिज और गति सीमा की जांच-पड़ताल की गई. पत्रकारों से वार्ता में जीएम ने कहा कि सहरसा से दरभंगा के बीच जल्द ही मालगाड़ी चलाई जाएगी.

इससे औद्योगिक क्रांति आएगी. रेल से वंचित कोसी क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा और विकास होगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''चिंता मत करिए, कुछ ही दिनों के बाद ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी और 15 जनवरी 1934 के बाद यहां के लोग नई रेल लाइन पर यात्रा कर सकेंगे.''

अप्रैल से दौड़ेगीं ट्रेनें: इससे पहले मिथिलांचल के दो हिस्सों को सीधे रेल सेवा से जोड़ने के लिए शुक्र वार को सरायगढ़-दरभंगा रेलखंड स्थित निर्मली-घोघरडीहा और झंझारपुर के बीच ट्रेन का स्पीड ट्रायल किया गया. रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) निरीक्षण के बाद अप्रैल तक इस रूट पर ट्रेनों के परिचालन की संभावना है. चीफ इंजीनियर आर. के. बादल ने कहा कि अधिकतम 120 किलोमीटर और न्यूनतम 50-60 की स्पीड में ट्रेन चली. बहुप्रतीक्षित सपने को साकार होता देख घोघरडीहा एवं आसपास के लोग खुशी से झूम उठे हैं

Web Title: bihar supaul train started after 87 years nirmali route indian rail puja people

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