बिहार: संघ प्रमुख मोहन भागवत नवंबर में आ रहे हैं बक्सर, संत समागम में लेंगे हिस्सा
By एस पी सिन्हा | Published: October 28, 2022 06:16 PM2022-10-28T18:16:50+5:302022-10-28T18:21:27+5:30
संघ प्रमुख प्रमुख मोहन भागवत नवंबर में बिहार आ रहे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए संघ के उत्तर-पूर्व रेंज के क्षेत्र कार्यवाहक डॉक्टर मोहन सिंह ने कहा कि बीते छह माह के अंदर भागवत का यह दूसरा बिहार प्रवास होगा।
पटना:बिहार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सक्रियता बीते कुछ सालों में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में 1033 जगहों पर 1406 संघ की शाखाएं लगाई जा रही थी वहीं इस साल शाखाओं की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर-पूर्व रेंज के क्षेत्र कार्यवाहक डॉक्टर मोहन सिंह ने बताया कि बिहार में साल 2022 से 1075 स्थानों पर 1476 शाखाएं लग रही हैं। इसमें काफी संख्या में लोग भी शामिल होते हैं। बिहार में न सिर्फ संघ की दैनिक शाखाओं में बढ़ोत्तरी हुई है बल्कि, सप्ताहिक मिलन और संघ मंडली में भी वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि बिहार में इस साल 545 सप्ताहिक मिलन और 168 संघ मंडली लग रही है, जो पिछले वर्ष से काफी अधिक है। अब यह तय किया गया है कि बिहार में भी सभी बस्तियों में संघ की गतिविधि प्रारंभ की जाए। उन्होंने बताया कि इसके लिए विशेष प्रयास शुरू भी कर दिया गया है। इस बीच संघ प्रमुख प्रमुख मोहन भागवत नवंबर में बिहार आ रहे हैं। पिछले छह माह के अंदर यह उनका दूसरा बिहार प्रवास होगा।
संघ प्रमुख मोहन भागवत 7 से 15 नवंबर तक बक्सर में आयोजित संत सम्मेलन में भाग लेने के लिए आ रहे हैं। संघ प्रमुख इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि होंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बिहार प्रवास को लेकर जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि बक्सर में रामकर्म भूमि न्यास और सनातन संस्कृति रामराज की ओर से एक संत सम्मेलन का आयोजन किया गया है। यह सम्मेलन 7 नवंबर से 15 नवंबर तक होगा।
इस सम्मेलन में देश और दुनिया के महान संत शामिल होंगे। 8 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय संत सम्मेलन का भी आयोजन होगा। इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सभी मंत्री सांसद विधायक को भी आमंत्रित किया गया है, लेकिन यह पूरी तरह से धार्मिक आयोजन है। इस सम्मेलन में केवल धार्मिक और अध्यात्मिक विषयों पर चर्चा भी होगी। इसमें किसी प्रकार की राजनीतिक चर्चा नहीं की जायेगा।