बिहारः तेजप्रताप ने शुरू की नई सियासत, ‘जनशक्ति यात्रा’ की शुरुआत, जमीन पर बैठ दलित के घर खाया रोटी और भुजिया
By एस पी सिन्हा | Published: May 1, 2022 06:27 PM2022-05-01T18:27:24+5:302022-05-01T18:29:32+5:30
तेजप्रताप यादव के इस कदम को लेकर चर्चा गर्म है. मखदुमपुर गांव में दलित परिवारों से मिलकर उनमें वस्त्र वितरित किए और लोगों का दुख-दर्द जानने की कोशिश की.
पटनाः राजद और अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से अलग-थलग पड़े तेजप्रताप यादव ने आज से किसानों और मजदूरों से जुड़ने के लिए अपनी पूर्व घोषित ‘जनशक्ति यात्रा’ की शुरुआत कर दी है. उन्होंने यह यात्रा जनशक्ति परिषद के बैनर तले शुरू की है.
लेकिन उनकी इस यात्रा से राजद ने दूरी बना कर रखी है. अपनी यात्रा की शुरुआत के साथ ही तेजप्रताप पटना जिले के बिहटा में दलित बस्ती में जाकर भोजन किया. सूबे के सियासी गलियारे में तेजप्रताप यादव के इस कदम को लेकर चर्चा गर्म है. तेजप्रताप मखदुमपुर गांव में दलित परिवारों से मिलकर उनमें वस्त्र वितरित किए और लोगों का दुख-दर्द जानने की कोशिश की.
मजदूर दिवस के शुभ अवसर पर पटना जिला स्थित कराई गांव में जनशक्ति परिषद द्वारा आयोजित जनसभा में भाग लेकर जनशक्ति यात्रा का शुभारंभ किया. मेहनतकशो की लड़ाई जारी रहेगी जनसभा में किसानों को सम्मानित किया pic.twitter.com/HxG4MRrSYU
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) May 1, 2022
इस बीच उन्होंने केंद्र की दलितों-मजदूरों से जुड़ी योजनाओं की चर्चा करते हुए बताया कि दलितों के घरों में अभी भी गैस चूल्हा नहीं पहुंचा है. गरीबी भी चरम पर है. यहां उन्होंने अचानक ही सुरेश मांझी के घर पहुंच कर उनके परिवार के साथ बातचीत की और जमीन पर बैठ कर घर में बनी रोटी और भुजिया का स्वाद चखा.
इस संबंध में पूछे जाने पर सुरेश मांझी ने बताया कि आज तक मैं उन्हें पहचानता नहीं हूं. वे अचानक ही मेरे घर पर आ पहुंचे. आज ही पहली बार उन्हें देखा. यह पूछे जाने पर कि वे कौन हैं? उसे बताया गया कि वे लालू यादव के बडे़ बेटे हैं. पहले उन्होंने चाय पी. इसके बाद हमारे घर में पहले से बने रोटी और भिंड़ी की भुजिया और प्याज खाया. आज अचानक मिली खुशी से हम झूम उठे हैं.
उल्लेखनीय है कि तेजप्रताप ने जनशक्ति यात्रा की शुरुआत कर दी है. अपनी यात्रा के क्रम में वग मजदूरों और किसानों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित करेंगे. साथ ही अपने हाथों से सत्तू घोल कर मजदूरों और किसानों को पिलायेंगे. उधर, तेजप्रताप की इस यात्रा को कई लोग राजद से अलग होने की तरफ एक और कदम मान रहे हैं.
खास बात यह है कि लालू के लाल की इस यात्रा को राजद का समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है. तेजप्रताप के इस कार्यक्रम से राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दूरियां बना रखी है. पार्टी के एक प्रवक्ता ने पूछने पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से तो इनकार किया ही, साथ ही अपना नाम नहीं देने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने तेजप्रताप के बारे में कुछ भी नहीं बोलने का निर्देश दिया गया है.
इसबीच तेजप्रताप की जनशक्ति यात्रा का उद्देश्य सभी पंथों और जाति के मजदूरों और किसानों से जुड़ना बताया जा है. बताया जा रहा है कि जनशक्ति यात्रा के दौरान तेजप्रताप बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्तियां भी मजदूरों और किसानों को भेंट करेंगे. तेजप्रताप से जुडे एक सूत्र ने बताया कि वे आगे पूरे बिहार की यात्रा करेंगे. इसके माध्यम से वे हर जाति-धर्म के किसानों और मजदूरों से जुड़ेंगे. यात्रा के दौरान वे किसानों के साथ ‘सत्तू’ भी खाएंगे.