बिहारः राजद प्रमुख लालू यादव को जेल भिजवाने में अहम भूमिका निभाने वाले अमित खरे पीएम मोदी के साथ

By एस पी सिन्हा | Published: October 12, 2021 06:30 PM2021-10-12T18:30:06+5:302021-10-12T18:31:05+5:30

उच्च शिक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए पूर्व नौकरशाह अमित खरे को संविदा आधार पर दो साल के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है.

Bihar RJD chief Lalu Yadav sending jail pm narendra modi important role Amit Khare jharkhand 1985 ias | बिहारः राजद प्रमुख लालू यादव को जेल भिजवाने में अहम भूमिका निभाने वाले अमित खरे पीएम मोदी के साथ

अमित खरे उस दौर में संयुक्त बिहार में तैनात थे, जब बिहार और झारखंड का बंटवारा नहीं हुआ था.

Highlightsकार्मिक मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में यह जानकारी दी गई.1985 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी खरे 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हुए थे.अनुबंध के आधार पर शुरू में दो साल की अवधि के लिए मंजूरी दी है.

पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में जेल भिजवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी अमित खरे अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार के तौर पर काम करेंगे.

 

अमित खरे उस दौर में संयुक्त बिहार में तैनात थे, जब बिहार और झारखंड का बंटवारा नहीं हुआ था. 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अमित खरे 30 सितंबर को झारखंड के उच्च शिक्षा सचिव के पद से रिटायर हुए थे. यहां बता दें कि अमित खरे चारा घोटाला का पर्दाफाश करने वाले अधिकारी भी हैं.

उन्होंने चाईबासा उपायुक्त रहते हुए चारा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था और कई नेता व अधिकारी इसकी जद में आ गये थे, जिसमें से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, डा. जगन्नातह मिश्र सहित कई राजनेता और अधिकारी शामिल रहे.

जानकारों का कहना है कि बिहार में जिलाधिकारी रहते हुए चारा घोटाला मामले में सबसे पहले वित्तीय गड़बड़ी को उन्होंने पकड़ा था. उनकी ही तरफ से शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि बिहार पशुपालन विभाग के अंदर जबर्दस्त घोटाले का खेल खेला जा रहा है. बाद में जांच का दायरा बढ़ता गया और यह मामला सीबीआई तक जा पहुंचा.

अमित खरे ने पहली शिकायत दर्ज करने में अहम भूमिका निभाई थी. अमित खरे लंबे समय तक बिहार को अपनी सेवा दे चुके हैं. उन्होंने जहां कहीं भी अपनी सेवा दी बिहार में उनकी चर्चा लगातार होती रही. बताया जाता है कि अमित खरे लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे और केंद्र की तरफ से तैयार की गई नई शिक्षा नीति में उनकी खास भूमिका रही है.

खरे ने दिसंबर 2019 में शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा विभाग) के सचिव का पदभार ग्रहण किया था. उनकी नियुक्ति के कुछ ही समय के अंदर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट द्वारा 29 जुलाई 2020 को अनुमोदित किया गया था. अब रिटायरमेंट के बाद उन्हें जो नई जिम्मेदारी दी गई है, उसके मुताबिक उनका स्केल भारत सरकार के किसी अन्य सचिव के ही बराबर होगा.

उनकी यह सेवा संविदा के आधार पर होगी और प्रतिनियुक्ति को लेकर सरकार की तरफ से उनके सारे नियम लागू किए जाएंगे. वह पीएमओ में सलाहकार के तौर पर काम करेंगे. अमित खरे की नियुक्ति प्रधानमंत्री के सलाहकार पद पर अगले दो साल या फिर किसी अगले आदेश तक के लिए की गई है. बाद में इनका सेवा विस्तार भी किया जा सकता है. 

अमित खरे की पहचान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाह के तौर पर होती है. इसीलिए उन्हें शिक्षा नीति बनाने को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका भी दी गई थी. हाल ही में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया को लेकर जो नियमावली बनाई उसमें भी अमित खरे में खास भूमिका निभाई थी.

यहां बता दें कि इसी साल पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा और सचिव रहे अमरजीत सिन्हा ने पीएमओ छोड़ा था. इसके बाद अब अमित खरे की पीएमओ में एंट्री हुई है. पीके सिन्हा और अमरजीत सिन्हा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे.

Web Title: Bihar RJD chief Lalu Yadav sending jail pm narendra modi important role Amit Khare jharkhand 1985 ias

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