Bihar Political Crisis: अग्निपथ योजना, जाति जनगणना, जनसंख्या कानून और लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध जैसे मुद्दों पर बीजेपी से खफा थे नीतीश कुमार!
By एस पी सिन्हा | Published: August 9, 2022 02:25 PM2022-08-09T14:25:17+5:302022-08-09T14:26:27+5:30
Bihar Political Crisis: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) और मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा अपने-अपने विधायकों की बुलाई।
पटनाःबिहार में सियासी उठापटक जारी है। राजनीतिक बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। 2020 विधानसभा चुनाव जदयू और बीजेपी ने मिलकर लड़ा। विधानसभा में नीतीश कुमार को 45 सीट और भाजपा को 72 सीट मिली। फिर भी भाजपा ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद दिया। कई माह से दोनों दल के बीच मनमुटाव जारी था।
केंद्र सरकार की नीतियों पर जदयू के नेता हमला कर रहे थे। 1990 के दशक से एक-दूसरे की सहयोगी रही जदयू और भाजपा की हाल के दिनों में अग्निपथ योजना, जाति जनगणना, जनसंख्या कानून और लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध जैसे मुद्दों पर अलग-अलग राय रही है।
हालांकि, जदयू ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में राजग के उम्मीदवारों का समर्थन किया, लेकिन नीतीश कुमार की इनसे संबंधित कई कार्यक्रमों में अनुपस्थिति और रविवार को नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने के उनके फैसले के साथ-साथ जदयू और भाजपा के बीच राजनीतिक गतिरोध की अटकलों जारी रही।
भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के आवास पर बंद कमरों में हालांकि मुलाकात की, पर क्या नतीजे रहे इस पर कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं दिखा।
राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने राज्य में राजनीतिक बदलाव की अटकलों के बीच एक कदम आगे बढ़ते हुए नीतीश के भाजपा से नाता तोड़ लेने की स्थिति में बिना शर्त उनका समर्थन करने का एकतरफा एलान कर दिया है। एआईसीसी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास प्रदेश के एक निर्धारित दौरे पर हैं।