आम नागरिकों के साथ शिष्टाचार और शालीनता से पेश आएं पुलिसकर्मी, बिहार पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश
By एस पी सिन्हा | Updated: November 29, 2025 15:37 IST2025-11-29T15:37:07+5:302025-11-29T15:37:48+5:30
मुख्यालय ने अपने पत्र में हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए पटना के नदी थाना और कटिहार के बारसोई थाना में घटित मामले का जिक्र किया है।

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पटनाः बिहार में नई सरकार बनने के बाद पुलिस मुख्यालय एक्शन मोड में नजर आ रहा है। ऐसे में पुलिसकर्मियों के व्यवहार को लेकर सख्त रवैया अपनाया है। दरअसल, पुलिस मुख्यालय ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सभी पुलिसकर्मियों को आम नागरिकों के साथ शिष्टाचार और शालीनता से पेश आने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। मुख्यालय ने सख्त चेतावनी दी है कि जो भी पुलिस पदाधिकारी या कर्मी लोगों के साथ भविष्य में अभद्र व्यवहार करते पाये जायेंगे, तो उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मुख्यालय ने अपने पत्र में हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए पटना के नदी थाना और कटिहार के बारसोई थाना में घटित मामले का जिक्र किया है। इसके साथ ही बताया गया कि इन थानों में कुछ पुलिसकर्मियों के खराब बर्ताव के कारण निलंबित किया गया है। मुख्यालय ने इन घटनाओं को उदाहरण के रूप में रखते हुए चेताया है कि ऐसी हरकतें स्वीकार नहीं की जायेगी।
विभाग ने माना है कि पुलिसकर्मियों के रुखे और अभद्र रवैये से पूरे पुलिस बल की बदनामी होती है। पत्र में कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं से ना केवल बिहार पुलिस की छवि धूमिल होती है, बल्कि पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास और जनता के सहयोग में भी कमी आती है। पुलिसिंग को प्रभावी बनाने के लिए लोगों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करना अनिवार्य बताया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक की तरफ से सभी एसपी को जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि वर्दीधारियों का व्यवहार लोगों के प्रति मर्यादित होना चाहिए। उन्हें बातचीत के दौरान शिष्टाचार का पूरा ध्यान रखना होगा। डीजीपी विनय कुमार ने कहा है कि विभाग की गरिमा और भरोसे को बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों को नागरिकों से संवाद के दौरान संयम और धैर्य का परिचय देना होगा।
पुलिसकर्मी किसी भी परिस्थिति में गाली-गलौज, दुर्व्यवहार या अनावश्यक बल प्रयोग न करें। अधिकारियों को यह भी सख्त हिदायत दी गई कि वे न सिर्फ गलत व्यवहार के मामलों को गंभीरता से लें, बल्कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ तुरंत डिसिप्लिनरी एक्शन भी लें।