लालू यादव को झटका, अभी जेल से बाहर नहीं आएंगे, चारा घोटाला मामले में सुनवाई टली
By एस पी सिन्हा | Published: September 11, 2020 02:34 PM2020-09-11T14:34:58+5:302020-09-11T14:39:02+5:30
चाईबासा कोषागार से तकरीबन 37 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को 24 जनवरी 2018 को 5 साल की सजा सुनाई गई थी. जेल में लालू यादव ने ढाई साल से ज्यादा का वक्त गुजार लिया है. इसी को आधार बनाते हुए लालू यादव के अधिवक्ता की तरफ से हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई है.
रांचीः संयुक्त बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज हाईकोर्ट में ने सुनवाई टाल दी.
अब नौ अक्तूबर को सुनवाई होगी. चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू को पांच साल की सजा सुनाई है. बताया जाता है कि सीबीई वकील और लालू यादव की तबितयत खराब होने की वजह से सुनवाई को टाल दिया गया है. लालू की ओर से जमानत याचिका दायर कर कहा गया है कि उन्होंने आधी सजा काट ली है.
इस कारण जमानत मिलनी चाहिए. जबकि सीबीआई की ओर से कहा गया कि आधी सजा पूरी नहीं हुई है. इसके बाद अदालत ने सुनवाई नौ अक्तबूर को निर्धारित कर दी. न्यायाधीश अपरेस सिंह की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के कॉज लिस्ट के नंबर सात पर मामला सूचीबद्ध था.
दरअसल, चाईबासा कोषागार से तकरीबन 37 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को 24 जनवरी 2018 को 5 साल की सजा सुनाई गई थी. जेल में लालू यादव ने ढाई साल से ज्यादा का वक्त गुजार लिया है. इसी को आधार बनाते हुए लालू यादव के अधिवक्ता की तरफ से हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई है.
इसबीच, अभी हाल ही राजद छोड़कर जदयू में आए लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में राज्यभर के यादवों का समर्थन एनडीए को मिलेगा. उन्होंने कहा कि बिहार के पढे-लिखे और समझदार यादव पहले ही लालू प्रसाद और उनकी पार्टी से किनारा कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में भी इस समाज के लोगों का समर्थन मिला था, अब तो अधिसंख्य यादव जाति के लोगों का लालू परिवार से मोहभंग हो गया है. उन्होंने यह भी संकेत दिया है उनकी बेटी एश्वर्या राय चाहेंगी तो जरूर चुनाव लड़ेंगी.
हालांकि तेजप्रताप के खिलाफ एश्वर्या राय के मैदान में उतरने के एलान से वे बचते दिखे. उन्होंने कहा कि पहले तेजप्रताप यादव को घोषणा तो करने दीजिए. यहां उल्लेखनीय है कि इस चुनावी साल में लालू यादव के जमानत पर बाहर आने की आस पार्टी ने लगा रखी है. पार्टी नेताओं का मानना है कि लालू को अगर जमानत मिल जाती है को बिहार के चुनावी समीकरण को बदल सकते हैं.
केस (चारा घोटाला) की अगली सुनवाई 9 अक्तूबर को होगी और उस दिन जमानत पास हो जाएगी : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार, रांची #झारखंडpic.twitter.com/aZrY1ikB0p
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 11, 2020