बिहार में पहली बार, 80,000 शिक्षकों के लिए आचरण संहिता, किसी भी दल नहीं जुड़ेंगे टीचर, जानिए गाइडलाइंस
By एस पी सिन्हा | Published: August 24, 2020 07:00 PM2020-08-24T19:00:13+5:302020-08-24T19:19:42+5:30
अब कोई भी शिक्षक न तो किसी प्रकार का नशा करेगा और ना ही किसी राजनीतिक दल से किसी प्रकार से संबद्ध रहेगा. यदि ऐसा पाया गया तो उस पर आचरण संहिता के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई होगी. हाल के दिनों में शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के शिक्षकों से जुड़ी चार संशोधित सेवाशर्तें अधिसूचित और लागू की गई हैं.
पटनाः बिहार के पहली बार प्राथमिक से लेकर प्लसटू तक के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत करीब 80 हजार नियोजित शिक्षकों के लिए आचरण संहिता लागू की गई है.
अब कोई भी शिक्षक न तो किसी प्रकार का नशा करेगा और ना ही किसी राजनीतिक दल से किसी प्रकार से संबद्ध रहेगा. यदि ऐसा पाया गया तो उस पर आचरण संहिता के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई होगी. हाल के दिनों में शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के शिक्षकों से जुड़ी चार संशोधित सेवाशर्तें अधिसूचित और लागू की गई हैं.
सभी में शिक्षकों के लिए नौ बिंदुओं पर आचरण संहिता का स्पष्ट उल्लेख किया गया है. संशोधित नियमावली के जरिये जहां शिक्षकों को कई तरह की सुविधाएं दी गई हैं, वहीं उन्हें बच्चों के बेहतर चरित्र निर्माण को देखते हुए कई बंदिशों में भी बांधा गया है. अब कोई भी शिक्षक न तो किसी प्रकार का नशा करेगा और ना ही किसी राजनीतिक दल से संबद्ध रहेगा.
यदि ऐसा पाया गया तो उस पर आचरण संहिता के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई होगी. कार्रवाई का स्वरूप क्रियाकलाप के मुताबिक तय होगा. विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन द्वारा जारी इन अधिसूचनाओं के मुताबिक प्रारंभिक व माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए आठ आचार संहिताओं का पालन समान रूप से करना है, जबकि एक संहिता दोनों कोटि के शिक्षकों के लिए अलग-अलग है.
आचरण संहिता नई नियमावली से नियुक्त शिक्षकों के लिए पहली बार लागू हुई है. इसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का विशेष ख्याल रखा गया है. इसी के मद्देनजर उनमें अच्छे चरित्र निर्माण को लेकर शिक्षकों के लिए भी जरूरी वर्जनाएं तय की गई हैं.
इस संबंध में शिक्षा विभाग के प्रवक्ता अमित कुमार ने बताया कि आचरण संहिता नई नियमावली से नियुक्त शिक्षकों के लिए पहली बार लागू हुई है. इसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का विशेष ख्याल रखा गया है. इसी के मद्देनजर उनमें अच्छे चरित्र निर्माण को लेकर शिक्षकों के लिए भी जरूरी वर्जनाएं तय की गई हैं.